रांची:राज्य को कुपोषणमुक्त बनाने के लिए झारखंड सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को अंडा मुहैया कराने का निर्णय लिया था. इसपर होने वाले खर्च के लिए सरकार ने तैयारी भी की और प्रति अंडा 6 रुपये की दर निर्धारित करते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों को चिट्ठी भेज दी. 2 मार्च 2024 को झारखंड सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा भेजी गई चिट्ठी के बाद यह उम्मीद जताई जाने लगी कि अब बच्चों को प्रतिदिन अंडा भी पोषाहार में मिलेगा. लेकिन सरकार का यह निर्णय कागज पर अंडा देने के सिवा हकीकत में अब तक नहीं बदला है. जाहिर तौर पर यह अगर लागू हो जाता तो कुपोषण को मात देने की दिशा में बड़ा प्रयास के रूप में जरूर माना जाता.
भोजन का अधिकार अभियान के सदस्यों ने दी आंदोलन की चेतावनी
सरकार के निर्णय को पालन कराने के लिए सामाजिक संस्था भोजन का अधिकार अभियान के सदस्यों ने आंदोलन करने की धमकी दी है. भोजन का अधिकार अभियान संस्था के द्वारा कराए गए सर्वे में दावा किया गया है कि राज्य में किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र में अंडा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. अगर सरकार बच्चों को अंडा मुहैया नहीं कराएगी तो आने वाले मानसून सत्र के दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा सरकार के मंत्री और विधायकों को अंडा हाथ में देकर उन्हें आगाह किया जाएगा.
सरकार ने प्रति अंडा का दाम 6 रुपये तय किया है, पर बाजार में 7 से 10 रुपये में बिक रहा
इस संबंध में भोजन का अधिकार अभियान संस्था से जुड़ीं सामाजिक कार्यकर्ता परन कहती हैं कि सरकार ने प्रति अंडे का दाम 6 रुपये रखा है. लेकिन बाजार में प्रति अंडे की कीमत 7 से 10 रुपये है. ऐसे में बच्चों को कैसे अंडा मुहैया होगा यह समझा जा सकता है. सरकार के द्वारा सिर्फ चिट्ठी निकालकर अंडा देने की बात कही गई है, जबकि हकीकत यह है कि न तो आंगनबाड़ी केंद्र को इसको लेकर पैसे दिए गए हैं और न ही बच्चों को अंडा मिल रहा है. वहीं इस संबंध में लातेहार जिला की कार्यकर्ता अफसाना कहती हैं कि उन्होंने खूंटी, लातेहार सहित कई जिलों में सर्वे किया है लेकिन किसी आंगनबाड़ी केंद्र में अंडा नहीं मिल रहा है.
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