बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में मंगल महत्वपूर्ण ग्रह है जो कि अग्नि कारक और मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी होता है. कुंडली मे मंगल जातक के साहस, ऊर्जा, गतिशीलता, जीवन शक्ति और अनुशासन का कारक होता है तथा व्यक्ति के शरीर में खून, हड्डी, शारीरिक चोट या दुर्घटना द्योतक होता है. इसके अतिरिक्त मंगल भूमि, वाहन, आग्नेय अस्त्र का भी प्रतिनिधित्व करता है.
जातक की कुंडली में मंगल प्रबल होने पर व्यक्ति का साहसी ऊर्जावान और अनुशासित होता है और दुर्बल होने पर आलसी, ऊर्जाहीन और क्रोधी होता है. बीकानेर के ज्योतिर्विद आलोक व्यास के अनुसार जन्म कुंडली में मंगल की राशि और भाव की स्थिति के अनुसार इस राशि परिवर्तन से विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिल सकता है.
पढे़ं :आज इन राशियों को कॅरियर में सफलता के लिए दिन है अच्छा - 31 May Rashifal
मेष : आत्मानुशासन में वृद्धि, स्वछवि को लेकर असंतोष, अध्यात्मिक चिंतन या स्वाध्याय, एकांतवास, मानसिक चिंता, व्यय में कमी होगी.
वृषभ : सुदुर प्रान्त की यात्रा की इच्छा, व्यय में बढ़ोतरी या व्यापार में हानि, शारीरिक चोट या वाहन दुर्घटना, ऊर्जा या उत्साह कमी, विदेशी लोगो से मेलमिलाप की चाह बढ़ेगी.
मिथुन : सामाजिक संपर्कों में बढ़ोतरी, आय में बढ़ोतरी हेतु प्रयास, व्यापार में लाभ, बड़े भाई बहन से मतभेद होंगे.
कर्क : पिता अथवा उच्च अधिकारियों से संबंधित चिंता या मतभेद, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर चिंता, कार्यक्षेत्र में ऊर्जा का व्यय, नौकरी व रोजगार हेतु प्रयास करने होंगे.