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काशी में दिख रहा 'अयोध्या बायकॉट' का असर, काष्टकला कारोबार में 40 फीसदी की गिरावट, राम दरबार की डिमांड घटी - Boycott Ayodhya - BOYCOTT AYODHYA

फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली बीजेपी के हार से बाद से सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड चलाया गया अयोध्या बायकॉट का, इसका असर यह हुआ कि, भक्त अयोध्या तो आ रहे हैं लेकिन रामलला के दर्शन के अलावे अयोध्या में खरीदारी नहीं कर रहे हैं. जिसका असर अयोध्या के साथ साथ अब काशी पर भी पड़ रहा है.

अयोध्या का काशी कनेक्शन
अयोध्या का काशी कनेक्शन (PHOTO credits ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 8:07 PM IST

अयोध्या में कारोबार घटने का असर काशी पर (video credits ETV Bharat)

वाराणसी: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजोपी को अयोध्या में हार का सामना करना पड़ा. जबकि बीजेपी को विश्वास था की राममंदिर निर्माण का आम चुनाव में सियासी फायदा मिलेगा. फैजाबाद सीट पर मिली हार के बाद सोशल मीडिया पर अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं से सामान खरीदारी का बायकॉट करने की अपील की जाने लगी. जिसका असर अयोध्या के साथ साथ अब काशी पर भी दिखने लगा है. वाराणसी के काष्ठ कला के कारोबार पर भी असर देखा जा रहा है. बहिष्कार के चलते अयोध्या से लेकर काशी तक के कारोबारी प्रभावित हैं.

4 जून के बाद से अयोध्या को लेकर शुरू हुए बहिष्कार का परिणाम अब सीधे तौर पर यहां के कारोबार पर दिखने लगा है. अयोध्या में आने वाले लोग यहां के दुकानदारों से सामानों को नहीं खरीद रहे, जिस वजह से व्यापार ठप सा हो गया है. अयोध्या में खरीदारी नहीं करने का असर अब वाराणसी के काष्ठकला पर भी पड़ा है. 40 फीसदी से अधिक की बिक्री गिरी है. बड़ी बात यह है की, काष्ठ कला के साथ वहां होटल, गेस्ट हाउस की बुकिंग पर भी इसका सीधे तौर पर असर पड़ा है. श्रद्धालु अयोध्या तो आ रहे हैं लेकिन ना तो ठहर रहे हैं और ना ही खरीदारी कर रहे हैं. सिर्फ दर्शन करके वापस चले जा रहे हैं.

बता दें कि,जनवरी में रामलीला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या के धरती पर आस्था का सैलाब देखने जो मिला. जिससे अयोध्या के व्यापार में कई गुना का इजाफा हुआ. इस व्यापार में होटल, रेस्टोरेंट के साथ साथ हस्तकला से बने सामानों के डिमांड में कई गुना बढ़ गया. जिसका फायदा काशी में काष्ठकला व्यापार को भी मिला. यहां के बना हुए राम दरबार सहित अन्य खिलौनों की डिमांड खूब आनी शुरू हुई. आलम ये रहा कि सिर्फ एक व्यापारी एक हफ्ते में पांच से दस हजार के ऑर्डर पूरा करने लगा. जिसमें सबसे अधिक बिक्री राम दरबार की हो रही थी.

पूरे बनारस की बात करें तो यह ऑर्डर लाखों में हो गया था. लेकिन यह खुशी जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल तक ही सीमित रही, मई में चुनाव के परिणाम आने के बाद सोशल मीडिया पर जैसे ही अयोध्या बायकॉट चलने लगा, उसका सीधा असर काशी के काष्ठकला व्यापार पर भी पड़ा. नतीजा लाखों के ऑर्डर में भारी गिरावट हुई जो अब हजारों में सिमट के रह गई है, व्यापारियों का कहना है कि, मात्र ढाई महीनों में चालीस प्रतिशत का गिरावट दर्ज किया गया है. बायकॉट से 40 फीसदी का करोबार प्रभावित हुआ है.

कारोबारी शुभी अग्रवाल बताती हैं कि, जनवरी में जब मंदिर का उद्घाटन हुआ तो जनवरी-फरवरी, मार्च, अप्रैल तक हम लोगों के पास राम मंदिर के मॉडल, राम दरबार झांकी ,राम से जुड़ी जो की रिंग, मैग्नेट्स की बहुत डिमांड थी, लेकिन मई, जून और जुलाई शुरू हो गया है,वर्तमान में 40 से 50 फ़ीसदी की बिजनेस में गिरावट देखने को मिल रही है. पहले तो लगा कि गर्मी की वजह से यह गिरावट देखने को मिल रही है,लेकिन अब चुनाव का इसमें बड़ा योगदान दिख रहा है. हैंडीक्राफ्ट के समान अब नहीं बिक रहे हैं. बायकॉट की वजह से लोग अयोध्या में रुकना नहीं चाहते. दर्शन करके वापस आ रहे है, जिस वजह से दुकानदारों के साथ जो वहां पर गेस्ट हाउस और होटल वाले हैं, उनका भी खासा नुकसान हो रहा है.

वहीं काष्ठकला कारोबार से जुड़े कारीगर दीपक कुमार बताते हैं कि, जनवरी में जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था. तो बड़ी संख्या में राम मंदिर की रेप्लिका और राम दरबार का आर्डर मिला था. हमारा जीविकोपार्जन बढ़िया चल रहा था. लेकिन अप्रैल के बाद इसका ऑर्डर एकदम कैंसिल हो गया है. पुराने स्टॉक में ही शायद एक दो पीस की बिक्री हो जा रही है. हमारा माल डंप पड़ा हुआ है. शायद ही कोई यात्री एक या दो पीस इन खिलौनों को खरीद रहा है.


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