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होली में WhatsApp पर केके पाठक को लेकर शिक्षक ने बनाया मजाक, शिक्षा विभाग ने बंद किया वेतन, पूछा- क्यों न आपको नौकरी से निकाला जाए? - Joke on KK Pathak in Holi

KK Pathak:बिहार के शिक्षकों को केके पाठक के आदेश से होली में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं होली के मौके पर केके पाठक को लेकर व्हाट्सएप ग्रुप पर मजाकिया मैसेज करना एक शिक्षक को भारी पड़ गया. शिक्षा विभाग कार्रवाई करते हुए शिक्षक का वेतन बंद कर नौकरी से निकाले के लिए शोकॉज किया है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 29, 2024, 9:43 PM IST

पटना: बिहार में शिक्षा विभागइन दिनों गजब के एक्शन मूड में है. निजी व्हाट्सएप ग्रुप में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लेकर मजाक करना, माखौल उड़ाना एक शिक्षक को भारी पड़ गया है. होली के समय बीपीएससी शिक्षक बहाली प्रक्रिया के तहत बहाल हुए वैशाली जिला के बरौल प्रखंड के बेलदार घाट उच्च माध्यमिक विद्यालय कंप्यूटर शिक्षक राहुल कुमार चौधरी का निजी व्हाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज करना उनके लिए फजीहत हो गई.

व्हाट्सएप पर मैसेज करने पर शोकॉज: दरअसल कंप्यूटर शिक्षक राहुल कुमार चौधरी ने निजी व्हाट्सएप ग्रुप में होली के समय मजाकिया माहौल में शिक्षा विभाग के प्रमुख मुख्य सचिव के के पाठक को लेकर कुछ मैसेज कर दिया. शिक्षा विभाग ने इसे केके पाठक के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग मानते हुए शिक्षक से स्पष्टीकरण की मांग की है.

शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई:वैशाली जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से शिक्षक राहुल कुमार चौधरी के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण की मांग की गई है और कहा कि आपका आचरण शिक्षक के पद पर बने रहने लायक नहीं है. आपके आचरण से शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है.

शिक्षा विभाग का आचरण गलत: वहीं बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि "होली के समय हास परिहास में लोग हंसी मजाक करते हैं. शिक्षक ने किसी विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप पर कोई मैसेज नहीं किया है बल्कि आपसी निजी व्हाट्सएप ग्रुप में कोई मैसेज किया है. फिर भी यदि शिक्षा विभाग को यह आचरण गलत लगता है तो विभाग शिक्षक कुछ चेतावनी देते हुए लघु दंड दे सकता है." लघु दंड के रूप में एक दिन का वेतन काटना अथवा अत्यधिक कार्य लिए जाना और सस्पेंड किया जाना जैसे बहुत सारे प्रावधान हैं.

नौकरी छिनने की धमकी से शिक्षक परेशान:उन्होंने कहा कि कई मामलों में हाईकोर्ट का निर्देश रहा है कि अधिकारी किसी का भी वेतन नहीं रोक सकते. शिक्षक ने यदि विद्यालय में कार्य किया है तो उसे वेतन मिलना चाहिए और नए शिक्षक हैं, उन्हें विभाग की गरिमा के बारे में बताते हुए अधिकारियों को कोशिश करनी चाहिए कि शिक्षक को प्यार से समझाएं और बताएं कि शिक्षा विभाग पूरा परिवार है. नए शिक्षकों को यदि नौकरी छीनने की धमकी दी जाएगी तो शिक्षक डर जाएंगे.

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