जयपुर : जल जीवन मिशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया को लेकर अहम खुलासे किए हैं. ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संजय बड़ाया भ्रष्टाचार के आरोपी ठेकेदारों से रिश्वत लेता था और पीएचईडी अधिकारियों के काम में भी उसका पूरा दखल रहता था. संजय बड़ाया को ईडी ने जल जीवन मिशन घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 16 जुलाई को गिरफ्तार कर चार दिन की रिमांड पर लिया था. रिमांड अवधि पूरी होने पर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
ईडी की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि एजेंसी ने एसीबी, जयपुर की ओर से दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की. इसमें आरोप थे कि मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक, मैसर्स गणपति ट्यूबवेल के मालिक महेश मित्तल और अन्य पीएचईडी से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में लोक सेवकों को अवैध सुरक्षा प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और उनकी ओर से निष्पादित कार्यों के संबंध में अनियमितताओं को ढंकने के लिए रिश्वत देने में शामिल थे. संदिग्ध पीएचईडी अनुबंध प्राप्त करने के लिए इरकॉन की ओर से जारी किए गए फर्जी और मनगढ़ंत कार्य अनुभव प्रमाण पत्रों का उपयोग करने के भी आरोप थे.
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