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पूर्वी सिंहभूम में डेंगू के प्रसार को लेकर प्रशासन अलर्ट, उपायुक्त ने जारी किया निर्देश, 60 हजार घरों में डेंगू के लार्वा की हुई जांच - Dengue In East Singhbhum

Dengue alert in East Singhbhum.जमशेदपुर में डेंगू के प्रसार को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है. पूर्वी सिंहभूम में डेंगू के आठ मामले मिलने के बाद उपायुक्त ने विशेष दिशा निर्देश जारी किया है.

Dengue In East Singhbhum
पूर्वी सिंहभूम में डेंगू (कॉन्सेप्ट इमेज-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 16, 2024, 7:08 PM IST

जमशेदपुरःपूर्वी सिंहभूम प्रशासन डेंगू के प्रसार को लेकर सतर्क हो गया है. इसके लिए उपायुक्त अनन्य मित्तल ने जिले के सभी नगर निकायों को विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं. उपायुक्त के निर्देश पर अब तक 60 हजार से ज्यादा घरों में डेंगू लार्वा की जांच की गई है. इस दौरान जहां भी डेंगू के लार्वा पाए गए हैं उन स्थानों में दवा का छिड़काव भी किया गया है. बता दें कि पिछले साल डेंगू के कारण पूर्वी सिंहभूम में कई लोगों की मौत हो गई थी. इसलिए प्रशासन इस साल विशेष सतर्कता बरत रहा है.

चारों निकायों को उपायुक्त ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

पूर्वी सिंहभूम जिला के चारों निकायों को डेंगू की रोकथाम को लेकर विशेष रूप से अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. जमशदेपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति, मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद, चाकुलिया नगर पंचायत समेत जुस्को की टीम संयुक्त रूप से अभियान चला रही है. इस दौरान अब तक लगभग 40 हजार कंटेनरों जैसे पानी की टंकियां, कूलर, ड्रम, गमले, फ्रीज की ट्रे और छतों पर टायर, कबाड़ आदि की जांच की. इनमें से लार्वा मिले 360 कंटेनरों को उपचारित किया गया और अन्य कंटेनरों को खाली कराया गया.

जुलाई में मिले हैं डेंगू के आठ पॉजिटिव केस

बीते साल पूर्वी सिंहभूम में सबसे अधिक डेंगू के मरीज मिले थे. आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते वर्ष पूर्वी सिंहभूम में 13907 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई थी, जिसमें 1476 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले थे.साथ ही पिछले साल डेंगू से तीन मरीजों की मौत भी हो गई थी. इस साल जुलाई तक 21 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई है, जिसमें आठ मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं.

टीम गठित कर चलाया जा रहा जागरुकता अभियान-उपायुक्त

उपायुक्त ने बताया कि डेंगू एक वायरल और गंभीर फ्लू की तरह संक्रामक रोग है. डेंगू संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से फैलता है. ऐसे में जिलेवासियों से अपील है कि अपनी स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अपने घरों के आसपास पानी जमा नहीं होने दें. साथ ही साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखें.

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच किट, क्यूआरटी का गठन, हेल्पलाइन नंबर जारी करने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग टीम चिन्हित करने और संभावित स्थलों और पिछले वर्ष के हॉटस्पॉट जोन में डेंगू लार्वा जांच का निर्देश दिया गया है. इसके अलावे जिले के चारों निकाय के पदाधिकारियों और जुस्को के प्रतिनिधि को फॉगिंग,साफ-सफाई और शहरी क्षेत्र में डेंगू को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्देश दिया गया है.

स्कूलों में जागरुकता अभियान चलाया जाएगा

उपायुक्त ने बताया कि शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को स्कूली बच्चों के बीच जागरुकता लाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि बच्चों को प्रार्थना सभा (एसेंबली) और क्लास में डेंगू से बचाव को लेकर जानकारी देने का भी निर्देश दिया गया है. साथ ही बच्चों को पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने, हमेशा मच्छरदानी के अंदर सोने, बच्चों के माता-पिता और समुदाय के साथ बैठक करने, स्कूल कैंपस, फील्ड और स्कूल के आसपास में कहीं भी पानी का जमाव नहीं होने देने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया है.

प्रशासन ने डेंगू से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया

वहीं डेंगू से निपटने के लिए जिला सर्विलांस विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. यह हेल्पलाइन नंबर 0657-2235836 है. इस हेल्पलाइन नंबर पर कभी भी डेंगू के संबंध में फोन कर जानकारी दी जा सकती है. इसके अलावे सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए दो बेड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है.

जांच में डेंगू लार्वा पाया गया तो 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा

पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने चारों निकायों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि फिलहाल सर्वे कर डेंगू का लार्वा चेक करें और यदि संबंधित क्षेत्र में डेंगू का लार्वा पाया जाता है तो उसे उपचारित करें. इसके बाद जांच के दौरान यदि किसी के घर में या छत पर जांच के दौरान डेंगू का लार्वा पाया गया तो संबंधित व्यक्ति पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

डेंगू को फैलने से रोका जा सकता है यदि प्रत्येक व्यक्ति निम्नवत बातों का ध्यान रखें

  • घर के अंदर और आंगन में जहां भी पानी एकत्रित हो रहा है उसे नियमित साफ करें.
  • घर में कोई भी बेकार बर्तन, खुली बोतल, डिब्बे, पुराने टायर, कबाड़ और प्लास्टिक का सामान एकत्रित न होने दें, इनमें पानी के ठहरने से डेंगू मच्छर के पनपने का खतरा सबसे अधिक रहता है.
  • बर्तनों को खाली कर उलटा कर के रखें, पानी के बर्तन, टंकी और हौदे को ढक कर रखें.
  • फूल के गमलों में पानी न जमा होने दें.
  • कूलर का पानी सप्ताह में एक बार खाली कर दें और सुखाने के बाद ही दोबारा पानी भरें.
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
  • ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढक सके.
  • डेंगू के लक्षण होने पर चिकित्सक से मिलें और बिना चिकित्सक की सलाह के कोई दवा नहीं लें.

सावधानी और लक्षण

लक्षण के आधार पर रोगी की सही समय पर जांच और उपचार प्रारंभ हो जाना चाहिए. जांच और उपचार में देर होने पर रोग जटिल या गंभीर हो सकता है. साथ ही जान को खतरा भी हो सकता है. बुखार के 5 दिन बाद आइजीएम एलाइजा जांच जरूर कराएं. एमजीएम और सदर अस्पताल में जांच की सुविधा निःशुल्क है. साथ ही टीएमएच और अन्य निजी चिकित्सा संस्थानों में भी जांच करा सकते हैं.

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