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पैसे की कमी से इंजीनियर बनने का सपना टूटा, तो खेत में बहाने लगे पसीना, अब सलाना कमा रहे 22 लाख

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 9, 2024, 6:25 AM IST

Updated : Feb 9, 2024, 1:25 PM IST

Mixed Farming In Gopalganj: बिहार के गोपालगंज के रहने कुणाल कुमार राय इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इंजीनियर नहीं बन सके. उन्होंने खेती किसानी में अपना करियर बनाने की ठान ली. उन्होंने खेती में कई प्रयोग किए. इसमें उन्हें बंपर मुनाफा हासिल हुआ. आज 22 लाख की सालाना कमाई करते हैं. पढ़ें पूरी खबर

गोपालगंज में मिश्रित खेती
गोपालगंज में मिश्रित खेती

गोपालगंज में मिश्रित खेती

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज के रहने वाले कुणाल कुमार राय हर किसी के लिए मिसाल हैं. उन्होंने इंजीनियर बनने का सपना देखा था, लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इंजिनियर बनने सपना टूट गया तो उन्होंने खेती की तरफ रुख किया. कुणाल अपनी मिश्रित खेतीसे खुद तो कमाई कर ही रहे हैं और इसके साथ ही दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. आज कुणाल सालाना 22 लाख की कमाई किसानों के लिए प्रेरणा श्रोत बने हुए हैं.

गोपालगंज में मिश्रित खेती:दरअसल कहा जाता हैं की सफलता आसानी से नहीं मिलती है. इसके लिए कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है. सदर प्रखंड के बरई पट्टी गांव निवासी मिथलेश कुमार राय के बेटा कुणाल कुमार एक ऐसे किसान हैं जो पिछले 20 वर्षों से मिश्रित खेती कर किसानों के लिए प्रेरणा श्रोत बने हुए हैं. बचपन में इंजीनियर बनने का सपना देखने वाले कुणाल आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अपनी पढ़ाई आगे नहीं बढ़ा सके, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और किसानी को अपना पेशा बना लिया.

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सालाना 22 लाख की बंपर कमाई:कुणाल मिश्रित खेती की तरफ रुख करते हुए कुणाल ने गन्ना, सब्जी, मक्का, अरहर दलहन, गेंहू समेत विभिन्न प्रकार के फसलो की खेती की. धीरे-धीरे उन्होंने अंडा उत्पादन का काम भी शुरू कर दिया. आलम यह है कि कुणाल आज सालाना 22 लाख रुपये की कमाई करते हैं. वे न केवल आत्मनिर्भर बने हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी मिश्रित खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनकी सफलता के पीछे मुख्य रूप से उनकी लगन, मेहनत और धैर्य हैं. साथ ही पिता का सहयोग भी उन्हें मिलता रहा है.

25 एकड़ की जमीन पर जैविक खेती:किसान कुणाल ने बताया की "इंटर तक की पढ़ाई करने के बाद आईआईटी में सिलेक्शन हुआ, लेकिन पैसे के अभाव में नामांकन नहीं कराया, लेकिन हार नहीं मानते हुए खेती को अपना पेशा बनाया और मिश्रित खेती की तकनीक अपनाकर सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ. जब इंजीनियर नहीं बने तो बेहतर किसान जरूर बनूंगा."इसके बाद अपने पिता के हाथ को मजबूत करने में लग गए. धीरे धीरे खेती करने लगे. उन्होंने बताया की 25 एकड़ की जमीन पर जैविक खेती की विधियों का उपयोग करते हैं और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते हैं.

Last Updated : Feb 9, 2024, 1:25 PM IST

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