सागर।खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए जरूरी है कि परंपरागत खेती छोड़कर बहुउद्देशीय खेती की तरफ ध्यान दिया जाए. परंपरागत खेती के साथ-साथ बागवानी और सब्जी की खेती नियमित आमदनी का जरिया होती है. खासकर कई फलदार पौधे ऐसे होते हैं. जो एक बार लगाने पर पेड़ बन जाने पर कई सालों तक किसानों की आमदनी का जरिया बनते हैं. किसानों को किसी एफडी की तरह फायदा पहुंचाते हैं. इन पौधों में कटहल का नाम काफी महत्वपूर्ण है. कटहल के एक पेड़ की उम्र करीब 100 साल होती है. 5 साल उम्र होने पर कटहल का पौधा फल देने लगता है, बिना किसी खर्च और मेंटेनेंस के 100 साल तक कटहल के पेड़ से कमाई की जा सकती है. सबसे खास बात यह है कि कटहल का पौधा एक बार लगाए जाने के बाद उम्र भर किसी तरह की देखरेख नहीं करनी पड़ती है.
कठहल का पौधा लगाने की तैयारी
लेयर फार्मिंग विशेषज्ञ प्रगतिशील किसान आकाश चौरसिया बताते हैं कि 'कटहल एक बहुत अच्छी खेती है. किसान की निश्चित आमदनी का जरिया है. एक बार लगाने के बाद कई सालों तक कमाई का जरिया रहता है. इसका पौधा लगाने के लिए सबसे पहले गड्ढे की तैयारी की जाती है. 3 गुना 3 का गड्ढा खोदकर उसमें आधी मिट्टी,आधा कामपोस्ट डालते हैं. 2 किलो चूने का पावडर और 2 किलो नीम के पाउडर का मिश्रण तैयार करके गड्ढे में चारों तरफ दीवारों और तलहटी में छिड़क देते हैं और गड्ढे को 10-15 दिन धूप लगने के लिए छोड़ देते हैं. फिर 40% मिट्टी, 40% कंपोस्ट और 20% रेत का मिश्रण गड्ढे में भर देते हैं और गड्ढे के बीचो-बीच पौधा लगा देते हैं, या फिर नर्सरी में पौधा तैयार करके फिर गड्ढे में रोप देते हैं. इस तरह हम कठहल के पौधे को बीज से बनाकर लगा सकते हैं. इसकी रोपाई 20 गुना 20 फीट पर खेतों या मेड़ में कर सकते हैं.
कोई देखभाल नहीं, मौसम का भी असर नहीं
कठहल का पौधा जब करीब 5 साल का होता है, तो फलन शुरू हो जाता है. यह काफी के फायदेमंद और बहुत कम खर्चे वाला काम है. इसमें मेंटेनेंस भी काफी कम है. कोई दवा या स्प्रे नहीं किया जाता है. तेज आंधी तूफान और मौसम के तमाम तरह के बदलाव का कोई असर नहीं होता है. यह एक निश्चित आमदनी का जरिया होता है. एक परमानेंट एफडी की तरह है. जिसमें कोई देखरेख और किसी तरह का मेंटेनेंस नहीं है. कटहल का पेड़ सीजन भर बहुत अच्छे फल देता है. पेड़ के नीचे अंतर्वर्ती फसले या मिक्स क्रॉप लगा सकते हैं. जो आपकी आमदनी का अच्छा जरिया हो सकता है.