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पिछली बरसात में पौंग डैम के पानी ने मचाई थी भारी तबाही, जानें इस साल कितना तैयार है प्रशासन - Pong Dam

कांगड़ा जिले में पिछले साल बरसात के मौसम में पानी छोड़ने पर सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे. जिसमें कई लोग फंस गए थे. इस बार वैसे हालात पैदा न हो, इसके लिए जिला प्रशासन पहले से ही तैयारियों में जुट गया है. डैम का पानी छोड़ने की जानकारी देने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाया जाएगा.

PONG DAM
पौंग डैम (File Photo)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 9, 2024, 12:04 PM IST

धर्मशाला: कांगड़ा जिले में बरसात में होने वाले नुकसान से बचाव की प्लानिंग में जिला प्रशासन जुट गया है. पिछले साल पौंग बांध से पानी छोड़ने पर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे और कई लोगों को रेस्क्यू करना पड़ा था. ऐसे में इस बार ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए पौंग डैम से पानी छोड़ने की जानकारी के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने और डैम के पानी से कितना एरिया प्रभावित होगा, जिला प्रशासन इसकी मैपिंग करने की कवायद में जुट गया है.

पिछले साल बने थे बाढ़ जैसे हालात

डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि रे-बडूखर के एरिया में पिछले साल पौंग बांध से छोड़े गए पानी की वजह से जो हालात उत्पन्न हुए थे. इसके बाद प्रदेश सरकार के स्तर पर बीबीएमबी प्रशासन से बैठक हुई थी. अब उस क्षेत्र में ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि वहां पर एरिया डिमार्केशन या अर्ली वार्निंग सिस्टम इंस्टाल किया जाए. इस पर बीबीएमबी प्रशासन कुछ अर्ली वार्निंग सिस्टम इंस्टाल करने के लिए तैयार हो गया है.

प्रभावित एरिया की होगी मैपिंग

इसी के साथ एरिया चिन्हित करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं कि पौंग डैम से कितना क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा तो कितना एरिया प्रभावित होगा, इस तरह की मैपिंग के भी प्रयास किए जा रहे हैं. जिससे कि पौंग बांध से पानी छोड़े जाने पर स्थानीय लोगों को यह समझाया जा सके कि चिन्हित क्षेत्र से आगे नहीं जाना है. ऐसे में एहतियात बरतते हुए किसी भी नुकसान को होने से बचाया जा सकता है.

पौंग डैम के छोड़े पानी ने मचाई थी तबाही

गौरतलब है कि पिछले साल पौंग डैम में पानी अधिक होने के चलते जुलाई माह में डैम से छोड़े गए पानी की वजह से निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. कई लोगों के घरों में पानी घुस गया था, खेतों में पानी के तालाब बन गए थे. जिसके बाद जिला प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ व चॉपर के माध्यम से बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया गया था.

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