गया: विजयादशमी का त्योहार दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है. बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बुराई के प्रतीक रावण का पुतला देश भर में जलाया जाता है. बिहार के गया जिले ऐतिहासिक गांधी मैदान में रावण दहण किया गया. श्री आदर्श लीला कमेटी के कलाकारों ने शनिवार को तीर चलाकर रावण का वध किया. रावण के साथ ही कुंभकरण और मेघनाद के पुतले भी एक एक कर जलाए गए.
लोगों में दिखा उत्साहः इस दौरान करबी 20 हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे. मंच पर नगर विधायक सह वन मंत्री प्रेम कुमार, मगध कमिश्नर प्रेम मीणा, डीएम डॉ त्यागराजन, वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती अपने परिवार के साथ पहुंचे थे. सबसे पहले मेघनाथ, फिर कुम्भकर्ण और उसके बाद रावण का वध किया गया. पुतले के सामने जमकर आतिशबाजी की गई. रावण वध देखने आए श्रद्धालुओं ने जमकर श्रीराम का जयघोष किया. बच्चे रावण वध देखकर काफी उत्साहित थे. बड़ी संख्या में महिलाएं भी रावण वध देखने पहुंची थीं.
गया में रावण दहन. (ETV Bharat) प्रशासन को धन्यवादः रावण वध से पहेल शोभा यात्रा निकाली गयी. रावण वध की शोभायात्रा स्टेशन रोड से होते हुए गांधी मैदान पहुंची. शोभा यात्रा गांधी मैदान पहुंचने के बाद रावण वध कार्यक्रम शुरू हुआ. इससे पहले राम की सेना और रावण की सेना के बीच युद्ध भी हुआ. जिसमें रावण की सेना की हार हुई. इसके बाद उनके पुतले का दहन किया गया. शांतिपीरण तरीके से कार्यक्रम संपन्न हुआ. दशहरा कमेटी और आदर्श लीला समिति की ओर से जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया गया.
गया मैदान में जुटी भीड़. (ETV Bharat) राम लीली कमेटी के सदस्य. (ETV Bharat) "श्री आदर्श लीला समिति के कलाकारों के द्वारा हर साल की भांति इस बार भी रावण वध किया गया. इस अवसर पर यही संदेश है कि निश्चित रूप से आप अगर बुरा करते हैं तो आपकी जीत नहीं होगी, अगर आप अच्छा करते हैं तो आपकी जीत होगी. दशहरा कमेटी ने इस बार और बेहतर ढंग से गांधी मैदान में व्यवस्था की थी."- गौरव कुमार, श्री आदर्श लीला कमेटी के सदस्य
गया में आतिशबाजी. (ETV Bharat) इसे भी पढ़ेंः विजयदशमी की रात गया में 5 मूर्तियों के जुलूस निकालने की कहानी, एक शताब्दी पुराना है इतिहास