लखनऊः राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती नगर में चल रहे 'नेशनल सिल्क एक्सपो' में खुलेआम लूटने का मामला सामने आया है. दरअसल रेशम की नकली साड़ी 50 हजार रुपये तक बेची जा रही थी. नकली सिल्क की बिक्री पर शनिवार को सिल्क मार्क ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया की टीम ने कार्रवाई की है. वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इस संगठन की टीम ने एक्सपो में लगे 10 में से 2 स्टॉलों पर नकली सिल्क मार्क का लोगों लगाकर नकली सिल्क उत्पाद बेचने की पुष्टि की है.
केमिकल टेस्ट में हुआ नकली साड़ी का हुआ खुलासा
जांच के दौरान 'श्री हसन सिल्क साड़ीज' और 'परफेक्ट हैंडलूम' के स्टॉलों से महंगी साड़ियों के सैंपल लिए गए. इन साड़ियों का केमिकल टेस्ट करने पर पाया गया कि 40,000 से 50,000 रुपये में बिकने वाली ये साड़ियां असली रेशम की जगह सिंथेटिक फाइबर से बनी थीं. टीम ने नकली सिल्क उत्पाद जब्त कर मामले की रिपोर्ट भारत सरकार को भेज दी है, ताकि इन पर वैधानिक कार्रवाई की जा सके. गौरतलब है कि सिंथेटिक फाइबर की साड़ियां मार्केट में 3 सौ से लेकर 1 हजार तक में उपलब्ध हैं.
सिल्क मार्क संगठन ने ग्राहकों को दी चेतावनी
सिल्क मार्क संगठन ने आम जनता को जागरूक करते हुए सिल्क उत्पाद खरीदते समय सिल्क मार्क लेबल और बारकोड स्कैन कर शुद्धता की जांच करने की सलाह दी है. संगठन ने आगाह किया कि ग्राहकों को ऐसे नकली सिल्क एक्सपो से बचना चाहिए. जहां असली रेशम के नाम पर नकली उत्पाद बेचे जा रहे हों.
सिल्क लैब सेंटर में ग्राहक करवा सकते हैं उत्पाद की जांच
रेशम निदेशक सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि रेशम निदेशालय द्वारा 28 अक्टूबर तक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान गेट नं-1, एल शेप लॉन, गोमती नगर, लखनऊ में 'यूपी सिल्क एक्सपो-2024' का आयोजन किया जा रहा है. इस एक्सपो में केन्द्रीय रेशम बोर्ड की सिल्क टेस्टिंग लैब भी स्थापित की गई है, जहां ग्राहक अपने उत्पादों की शुद्धता की जांच कर सकते हैं. लखनऊ में विभिन्न नामों से लगे अन्य सिल्क एक्सपो से खरीदारी करने से बचने और शुद्धता की पुष्टि के बाद ही खरीदारी करने का अनुरोध किया है. साथ ही चेतावनी दी कि नकली सिल्क बेचने वालों के खिलाफ सिल्क मार्क एक्ट के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.