नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने अपने वैल्यू एडिशन कोर्सेज (वीएसी) में दो नए कोर्सेज के तहत अन्य खेलों को भी शामिल करने की तैयारी की है. इनमें इंडीजीनस गेम (देशज खेल) दूसरा 'स्पोर्ट्स डायवर्सिटी और इन्क्लूसिवटी' और तीसरा भारत की जनजाति के खेलों को शामिल किया जाना है. इन इंडीजीनस गेम में लंगड़ी, जमीन पर सांप सीढ़ी, गिल्ली डंडा, दंडासन, कबड्डी, खो-खो, रस्साकशी, शतरंज, तीरंदाजी और लागोरी जैसे खेल शामिल हैं. स्नातक में दाखिला लेने वाले और अभी स्नातक की पढ़ाई कर रहे दोनों तरह के छात्रों को चार सेमेस्टर तक इनमें से किसी न किसी एक खेल को अपनी पढ़ाई का हिस्सा बनाना होगा.
इन खेलों को वीएसी कोर्सेज का हिस्सा बनाने का प्रस्ताव 12 जुलाई को हुई अकादमिक परिषद की बैठक में पास हो चुका है. अब इस पर शनिवार को होने जा रही कार्यकारी परिषद की बैठक में मुहर लगनी है. इसके बाद ये खेल डीयू के वीएसी कोर्सेज का हिस्सा बन जाएंगे. डीयू में वैल्यू एडिशन कोर्सेज कमेटी के चेयरमैन और डीन प्लानिंग प्रोफेसर निरंजन कुमार ने बताया कि इन खेलों को वीएसी कोर्सेज में शामिल करने के पीछे डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह की प्राचीन भारतीय खेलों से छात्रों को परिचित कराने एवं छात्रों के मानसिक व शारीरिक विकास को बढ़ावा देने की सोच है. उन्हीं के निर्देश पर ही यह कोर्स तैयार किया गया है.
इसमें एक सप्ताह में दो दिन, दो घंटे का खेल का प्रैक्टिकल होना शामिल है. प्रो. निरंजन कुमार ने बताया कि इन नए खेलों के शामिल होने से वीएसी कोर्सेज की कुल संख्या 30 से अधिक हो जाएगी. ये छात्रों की पसंद पर निर्भर करेगा कि वे इन कोर्सेज में से कौन सा कोर्स चुनते हैं. उन्होंने बताया कि कार्यकारी परिषद की बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद अगस्त से शुरू होने जा रहे डीयू के नए सत्र से ये कोर्सेज लागू हो जाएंगे.
प्रो. निरंजन कुमार ने आगे बताया कि दूसरा खेल पाठ्क्रम स्पोर्ट्स डायवर्सिटी और इन्क्लूसिवटी में ऐसे खेल शामिल होंगे, जिनमें सामान्य छात्रों के साथ दिव्यांग भी शामिल हो सकेंगे. इन खेलों में एरोबिक्स, सामूहिक योगासान और ब्लाइंड क्रिकेट शामिल हैं. इससे छात्रों की सोशल मीडिया, मोबाइल फोन और गैजेट्स के इस्तेमाल से कम हो रही मेंटल फिटनेस को ठीक करने में मदद मिलेगी. इन खेलों को डीयू के वैल्यू एडिशन कोर्सेज में ऐसे विशेषज्ञों की सलाह पर शामिल किया गया है, जो ओलिंपिक में भी अपने सुझाव देते हैं. इनमें से अधिक तर सामूहिक खेलों को शामिल किया गया है जिससे छात्रों में भी सामूहिकता बढ़े और उनका चहुंमुखी विकास हो सके.