नई दिल्ली:एम्स दिल्ली और एम्स झज्झर के बीच एयर कॉरिडोर पर काम चल रही है. बहुत जल्द ही यह तैयार हो जाएगा. ड्रोन कॉरिडोर के एमडी चिराग शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जब दवाइयां, मास्क, पीपीई किट,गलब्स, वैक्सीन जिसे छूना भी मना था, अमेरिका में इनका ट्रांसपोर्ट ड्रोन के माध्यम से किया जा रहा था. जहां तक इसे अपने देश में लागू करने की बात है तो यह तभी सही कदम होगा जब लंबी दूरी तक इसे ले जाया जाय. इसको लेकर पॉलिसी और रेगूलेशन अभी बन ही रहे हैं.
तकनीक के परीक्षण के लिए ट्रायल हो रहा है:चिराग शर्मा ने बताया कि हवा में कितनी ऊंचाई पर अंगों को या वैक्सीन को ले जाया जा सकता है ताकि वे खराब ना हों, जहां से ड्रोन उड़ान भरा हो वहां से लेकर जहां तक उसे जाना है उसकी निरंतर मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था होगी? यदि हवा में कोई बाधा आ जाय तो उससे कैसे निपटा जाएगा ? इन सभी मुद्दों पर काम किया जाना है. शायद इस दिशा में काम चल भी रहा है. इस तकनीक के परीक्षण के लिए कुछ ट्रायल भी हुए हैं. एम्स के अलावा आईसीएमआर ने भी ड्रोन ट्रांसपोर्टेशन को लेकर कुछ पहल की है. लेकिन यह तभी संभव हो पाएगा जब इसको लेकर बाकायदा एक नीति नियामक तैयार हो.