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रुद्रनाथ ट्रेक पर लगेंगे बायो डाइजेस्टर टॉयलेट्स, केदारनाथ वन प्रभाग को 30 लाख की धनराशि अवमुक्त - RUDRANATH TREK BIO DIGESTER TOILETS

पंचकेदारों में से एक रुद्रनाथ धाम की यात्रा मार्ग को स्वच्छ और सुगम बनाने पर जोर, मार्ग पर लगाए जाएंगे डीआरडीओ के बायो डाइजेस्टर टॉयलेट्स

RUDRANATH TREK BIO DIGESTER TOILETS
रुद्रनाथ यात्रा मार्ग पर लगाए जाएंगे बायो डाइजेस्टर टॉयलेट्स (फोटो सोर्स- Information Department)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 15, 2025, 5:32 PM IST

Updated : Jan 15, 2025, 6:49 PM IST

चमोली:रुद्रनाथ यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए डीआरडीओ के ग्रीन हाईटेक प्रीफैब्रिकेटेड बायो टॉयलेट लगाए जाएंगे. डीएम संदीप तिवारी ने नई तकनीक के बायो-डाइजेस्टर टॉयलेट लगाने के लिए केदारनाथ वन प्रभाग को 30 लाख की धनराशि अवमुक्त कर दी है.

इन जगहों पर लगाए जाएंगे बायो-डाइजेस्टर टॉयलेट:आगामी यात्रा सीजन से पहले पंच केदारों में से एक रुद्रनाथ धाम के यात्रा मार्ग पर 10 बायो-डाइजेस्टर टॉयलेट स्थापित किए जाएंगे. इसमें 4 बायो टॉयलेट रुद्रनाथ, 4 ल्वींठी और 2 मौली खर्क में लगाए जाएंगे. इससे तीर्थयात्रियों को सुविधा मिलेगी.

डीएम संदीप तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों के लिए सभी सुविधाएं जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. ताकि, तीर्थ स्थलों और तमाम मंदिरों पर आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम व सरल हो.

रुद्रनाथ बुग्याल (फोटो सोर्स- Information Department)

उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने उच्च हिमालयी वाले क्षेत्रों में मानव अपशिष्ट निपटान के लिए एक पर्यावरण अनुकूल, रखरखाव-मुक्त, लागत-कुशल जैव-अपघटन तकनीक से बायो-डाइजेस्टर तकनीकी से टायलेट्स तैयार किए हैं.

बायो टॉयलेट्स में सीवेज कचरे को नष्ट कर देते हैं बैक्टीरिया: इन बायो टॉयलेट्स के नीचे बायो डाइजेस्टर कंटेनर लगा होता है. इस कंटेनर में एनेरोबिक बैक्टीरिया होते हैं. ये एनेरोबिक बैक्टीरिया सीवेज कचरे को पानी और गैस में बदल देते हैं. जिसमें कोई बुरी और तेज गंध भी नहीं आती है.

बायो डाइजेस्टर टॉयलेट्स (फोटो सोर्स- Information Department)

बायो टॉयलेट्स का रख रखाव आसान, कम आता है खर्च: बायो डाइजेस्टर टेक्नोलॉजी एक स्वच्छ तकनीक है. इसमें सीवेज कचरे के निस्तारण की समस्या भी नहीं रहती है. जिससे खर्च कम और रख रखाव आसान होता है. उन्होंने कहा कि रुद्रनाथ की पैदल यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण है.

रुद्रनाथ में भगवान शिव के 'मुख' की होती है पूजा: समुद्र तल से करीब 3,600 मीटर (11,811 फीट) की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर पहुंचने के लिए करीब 20 किलोमीटर के दुर्गम ट्रेक और पगडंडियों से होकर गुजरना पड़ता है. रुद्रनाथ पंचकेदारों में एक मंदिर है. जहां भगवान भोलनाथ के मुख की पूजा की जाती है.

सेंचुरी एरिया में आता है रुद्रनाथ यात्रा मार्ग: हर साल हजारों की संख्या में तीर्थयात्री भगवान रुद्रनाथ का आशीर्वाद पाने, दिव्य और शांत वातावरण के सुखद अहसास के लिए यह कठिन यात्रा करते हैं. रुद्रनाथ यात्रा मार्ग सेंचुरी एरिया में है. जिस कारण यहां पर स्थायी संरचना (मजबूत या पक्का) का निर्माण नहीं किया जा सकता है.

रुद्रनाथ पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों को अभी शौचालय की सुविधा नहीं है. खुले में शौच के कारण यहां के पर्यावरण और पारिस्थितिकी को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है. जिस कारण यहां पर बायो टॉयलेट्स स्थापित किया जाना आवश्यक है.

इसे देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से आगामी यात्रा सीजन से पहले यहां पर बायो टॉयलेट्स स्थापित कराए जा रहे हैं. इससे तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा. केदारनाथ डीएफओ तरुण एस ने बताया कि इस यात्रा सीजन से पहले काम पूरा कराया जाएगा.

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Last Updated : Jan 15, 2025, 6:49 PM IST

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