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अमेरिका में PGA सम्मेलन में छाये जींद के डॉ. मृत्युंजय गुप्ता, बने विश्व के सबसे कम उम्र के अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर - PGA CONFERENCE IN AMERICA

डॉ. मृत्युंजय गुप्ता विश्व के सबसे कम उम्र के अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर बन गए हैं. 78वें पोस्ट ग्रेजुएट एनेस्थीसिया (पीजीए) सम्मेलन में उन्होंने शिरकत की थी.

PGA conference in America
विश्व के सबसे कम उम्र के अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर (File Photo + Etv Bharat GFX Team)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 22, 2024, 7:46 PM IST

जींद:न्यूयॉर्क सोसायटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट्स द्वारा आयोजित और अमेरिकी सरकार द्वारा प्रायोजित 78वें पोस्ट ग्रेजुएट एनेस्थीसिया (पीजीए) सम्मेलन में जींद के एक डॉक्टर को आमंत्रित किया गया. डॉ. मृत्युंजय गुप्ता नागरिक अस्पताल में एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विशेषज्ञ है, जिन्हें ये उपलब्धि मिली है. पूरे विश्व से केवल 10 विशेषज्ञों को ही अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर के रूप में चुना गया. बड़ी बात ये है कि इसमें भारत की ओर से केवल डॉ. गुप्ता को शामिल किया गया है. इतना ही नहीं, वे मात्र 27 वर्ष की उम्र में इस उपलब्धि को प्राप्त करने वाले अब तक के सबसे कम उम्र के अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर बन गए हैं.

1000 से अधिक चिकित्सा विशेषज्ञों ने लिया भाग : डॉ. मृत्युंजय गुप्ता ने न्यूयॉर्क में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में न केवल भारत का प्रतिनिधित्व किया, बल्कि एनेस्थीसिया क्षेत्र में अपने अनुभवों को अंतर्राष्ट्रीय मंच से साझा भी किया. जिसके तहत उन्होंने भारत की श्रेष्ठता और क्षमताओं को प्रस्तुत किया. आयोजकों ने डॉ. गुप्ता की प्रतिभा को सम्मानित करते हुए उनकी यात्रा का पूरा खर्च प्रायोजित किया. इस भव्य सम्मेलन में पूरे विश्व से लगभग एक हजार से अधिक प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञ और स्वास्थ्य उद्योग के अग्रणी उद्योगपतियों ने भाग लिया.

स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने का प्रयास :डॉ. मृत्युंजय गुप्ता ने बताया कि ये उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था. न्यूयॉर्क में उन्होंने विश्व के प्रमुख एनेस्थीसियोलॉजिस्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से उनके अनुभवों से और अत्याधुनिक तकनीकों एवं नवाचारों के बारे में सीखा. जो भी मैंने वहां से सीखा है, उसे मैं अपने कार्यक्षेत्र जींद और देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल करूंगा. इसके साथ ही वो आगे भी नई-नई रिसर्च कर स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने का प्रयास करते रहेंगे.

उड़ान में दिखाई सूझबूझ, महिला की बचाई जान : दिल्ली से न्यूयॉर्क की यात्रा के दौरान एयर इंडिया की 16 घंटे की नॉन स्टॉप फ्लाइट में एक भारतीय मूल की अमेरिकन वृद्ध महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. उनकी नब्ज रुक चुकी थी और स्थिति गंभीर थी. डॉ. गुप्ता हमेशा अपने साथ आपातकालीन दवाइयां रखते हैं, ऐसे में वे फौरन महिला की जान बचाने की कोशिशों में जुट गए. वे तीन घंटे की अथक मेहनत और सूझबूझ से महिला को होश में लेकर आए. उनकी तत्परता से न केवल महिला की जान बची, बल्कि फ्लाइट को इमरजेंसी लैंडिंग भी नहीं करनी पड़ी. इस मानवीय कार्य के लिए फ्लाइट क्रू और सहयात्रियों ने खुले दिल से उनकी सराहना करते हुए तालियों से उनका सम्मान किया और एयर इंडिया ने भी ईमेल के जरिए प्रशंसा पत्र भेजकर उनका आभार जताया है.

लोगों की जान बचाने के लिए हमेशा तत्पर : डॉ. मृत्युंजय ने कहा कि उनके जीवन का उद्देश्य है कि हर आपात स्थिति में हर संभव प्रयास से लोगों की जान बचाई जाए. उन्होंने 'माई विल माई लाइफ' नाम से एक संस्था भी स्थापित की है, जो सड़क दुर्घटना, डूबने, शॉक और कार्डियक अरेस्ट जैसी आपात स्थितियों में लोगों की जान बचाने के लिए जागरूकता फैलाती है और प्रशिक्षण देती है. उनकी प्रतिबद्धता है कि कोई भी जीवन केवल आपातकालीन सहायता की कमी के कारण न खो जाए. हर जीवन को बचाना ही उनका लक्ष्य है.

विभिन्न संस्थाओं ने खुशी जताई : डॉ. मृत्युंजय गुप्ता को मिली इस उपलब्धि पर शहर की विभिन्न संस्थाओं ने खुशी जताई है. अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. राजकुमार गोयल ने कहा कि ये जींद वासियों के लिए गौरव की बात है कि हमारे यहां के एक डॉक्टर ने दूसरे देश में जाकर अपने देश का नाम रोशन किया है.

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