भिलाई :भिलाई में ऐसा कोई मोहल्ला या गली नहीं है जहां आवारा डॉग्स ना हों. शहर की सड़कों से लेकर छोटे से छोटे गली मोहल्ले में इनका आतंक है. रोजाना भिलाई टाउन में कहीं ना कहीं डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. इसके बाद भी जिम्मेदार नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा.जानकारी के अनुसार क्षेत्र में लगभग सैकड़ों की संख्या में आवारा डॉग्स हैं. जिन पर किसी तरह का कोई कंट्रोल नहीं है.
राहगीर बन रहे शिकार : आवारा डॉग्स के कारण शहरवासी के साथ राहगीर भी परेशान हो रहे हैं. वाहनों का पीछा करते समय ये आवारा डॉग्स किसी को भी अपना शिकार बना लेते हैं. कई बार डर के कारण दोपहिया वाहन चालक हादसे का शिकार बनते हैं. शहर के कई कॉलोनियों में परेशान होकर लोग सुबह और देर रात घरों से निकलने में कतराने लगे हैं.
वैशाली नगर में कुत्तों का आतंक : वैशाली नगर के ईडब्ल्यूएस मकान और कालीबाड़ी के बीच सीधी सड़क उप स्वास्थ्य केंद्र वैशाली नगर की ओर जाती है. इस सड़क में रात 10 बजे के बाद आवागमन करना मुश्किल हो जाता है. आवारा डॉग्स दो पहिया वाहन चालकों को देखते ही दौड़ाने लगते हैं.
'' प्रतिदिन 20 से 22 मरीज आवारा डॉग्स के काटने की वजह से इलाज के लिए सुपेला लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल आ रहे हैं. अस्पताल में इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में है. इंजेक्शन लगाने के लिए अपने साथ क्षेत्र में मरीज का आंकड़ा कैम्प - 1 , कैम्प - 2 टाटा लाइन इस क्षेत्र में ज्यादा है. राधिका नगर, संजय नगर से अस्पताल में मरीज ज्यादा आ रहे हैं.'' डॉ पियाम सिंह, प्रभारी सुपेला लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल
शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई :रहवासियों की माने तो कुत्ता काटने की घटना पर नगर निगम को कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.वहीं भिलाई नगर निगम जनसंपर्क अधिकारी शरद दुबे ने बताया कि समय-समय पर आवारा कुत्तों की धरपकड़ के लिए कार्रवाई की जाती है.
''नगर निगम भिलाई बीच-बीच में कार्रवाई करती है. सूचना प्राप्त होने पर कार्रवाई की जाती है.लेकिन पीटा के तहत निगम में फोन आता है.जिसके बाद एक्शन रोका जाता है. फिर भी डॉग्स के ऊपर कार्रवाई की जाती है.''- शरद दुबे,जनसंपर्क अधिकारी,भिलाई निगम
आपको बता दें कि भिलाई टाउन में इस समय आवारा डॉग्स के कारण लोग परेशान हैं. आधी रात के समय गली मोहल्ले में आवारा डॉग्स का झुंड सक्रिय हो जाता है.खाना ना मिलने के कारण ये डॉग्स आक्रमक हो जाते हैं.जिसके शिकार रहवासी बन रहे हैं. निगम के मुताबिक वो शिकायत मिलने पर डॉग्स के खिलाफ कार्रवाई करता है.लेकिन पशु प्रेमी संस्था उन पर दबाव बनाती है.जिसके कारण अभियान रोकना पड़ता है.