वाराणसी:तेजी से डिजिटल युग की तरफ बढ़ रहे भारत के आगे बहुत ही चुनौतियां भी अब देखने को मिल रही है. सबसे बड़ी दिक्कत तो तेजी से हो रहा है साइबर फ्रॉड को रोकने की है. क्योंकि साइबर अपराधी हर रोज नए-नए तरह के हथकंडे अपना कर लोगों के बैंक अकाउंट को खाली कर रहे हैं. हाल ही में डिजिटल अरेस्ट को लेकर जिस तरह से कई मामले सामने आए हैं. उसमें सभी को चौंका कर दिया है.
ऐसे में बधाई संदेशों के जरिए हो रहे साइबर फ्रॉड आपको एक झटके में ही कंगाल कर सकते हैं. खास तौर पर नए साल के मौके पर आपको विशेष अलर्ट रहना होगा. क्योंकि नए साल के बधाई संदेश या ग्रीटिंग कार्ड के रूप में आ रहे लिंक एपीके फाइल के रूप में डाउनलोड हो रहे हैं. जिसके बाद आपके मोबाइल और आपके लैपटॉप का पूरा ऑपरेशन साइबर क्रिमिनल्स के हाथों में चला जा रहा है. इसलिए अगर आप सतर्क नहीं हुए तो इस नए साल पर आने वाला बधाई संदेश आपके लिए मुसीबत भरा साबित हो सकता है.
एडीसीपी वरुणा जोन सरवन टी. (Video Credit; ETV Bharat) न्यू इयर का बधाई संदेश आते ही बैंक अकाउंट हो गया खालीःदरअसल वाराणसी साइबर सेल टीम लगातार इस बारे में जांच पड़ताल कर रही है और उनके पास कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां साइबर अपराधियों ने इनविटेशन कार्ड और बधाई संदेश के नाम पर लिंक भेज कर लोगों को चूना लगाया है. वाराणसी के रहने वाले एक शख्स के मोबाइल नंबर पर सीएससी ग्रुप डॉट एपीके के नाम से एक न्यू ईयर बधाई संदेश आया था. इस ऐप को डाउनलोड करते ही मोबाइल पूरी तरह से फॉर्मेट होने लगा और सारा डाटा धीरे-धीरे डिलीट होने लगा. जब तक यूजर कुछ समझ पाता तब तक उसके बैंक अकाउंट से पैसे कटने शुरू हो गए. इस तरह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. वाराणसी साइबर सेल की टीम लगातार इस पर काम भी कर रही है.
साइबर ठगी से बचने के लिए ये सावधानियां अपनाएं. (ETV Bharat Gfx) एपीके फाइल पर क्लिक करते ही डाटा साइबर ठगों के पास पहुंच रहाःएडीसीपी वरुणा जोन और साइबर टीम को लीड कर रहे अधिकारी सरवन टी का कहना है कि साइबर अपराधी बहुत स्मार्ट हो गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि न्यू ईयर पर हैप्पी न्यू ईयर के मैसेज भेजकर अब वह लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे हैं. इसके पहले जब शादियों का सीजन चल रहा था तो एपीके फाइल के नाम से और लिंक के जरिए लोगों को इनविटेशन कार्ड भेजे जा रहे थे. जिसके जरिए बहुत से लोग झांसे में आ गए. इस बार नए साल पर एपीके फाइल और लिंक आपको बधाई संदेश के नाम पर भेजे जा रहे हैं. यह संदेश जब आते हैं तो उसमें यह लिखा रहता है कि आपको आपके किसी अपने जो नाम भी होता है. उसके द्वारा पर्सनलाइज मैसेज बधाई संदेश भेजा गया है, जिसके लिए इस लिंक पर या इस ऐप को डाउनलोड करके अपना मैसेज देख लें. जैसे ही आप इस लिंक या एपीके फाइल पर क्लिक करते हैं वैसे ही आपका सारा डाटा साइबर अपराधियों के पास जाना शुरू हो जाता है.
अनजान लिंक पर न करें डाउनलोड. (ETV Bharat Gfx) चीन और कंबोडिया से होती है ठगों की भर्तीःएडीसीपी का कहना है कि नए साल के मौके पर कोई बधाई संदेश का लिंक या एपीके फाइल आ रही है, तो इसको पूरी तरह से अवॉइड कीजिए. क्योंकि आप यह छोटी सी लापरवाही आपको एक झटके में ही बर्बाद कर सकती है. हाल ही में वाराणसी में पकड़े गए साइबर क्रिमिनल्स से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारी भी मिली है. एक रिटायर्ड सैन्य कर्मी से 98 लाख रुपए की ठगी हुई थी. जब इसकी जांच शुरू हुई तो इसमें 12 आरोपियों को पकड़ा गया. जिनसे पूछताछ में पता चला है कि साइबर ठग चीन और कंबोडिया में बैठकर भारत में अपने छोटे-छोटे शहरों में साइबर क्रिमिनल्स को अप्वॉइंट करके ठगी का काम कर रहे हैं. 40 फीसदी पैसा भारत में इन लोगों को दिया जाता है. जबकि 60 फ़ीसदी पैसा सीधे चीन और कंबोडिया में बैठ बड़े साइबर तो के पास पहुंच जाता है.
साइबर ठगी से बचाव के तरीके. (ETV Bharat Gfx) वाराणसी में पकड़े गैंग ने किए कई खुलासेःएडीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार का कहना है कि अभी तक की पूछताछ में जो बातें सामने आई हैं. उसमें यह स्पष्ट हुआ है कि बाहर विदेशों में बैठे शातिर अपराधी इस पूरे काम को सॉफ्टवेयर डेवलपर एपीके फाइल बनाने वाले और बैटिंग या गेमिंग एप डेवलपर के जरिए क्रियान्वित करवा रहे हैं. भारत में ऐसे लोगों को चुना जा रहा है, जो इस तरह के काम में एक्सपर्ट है. फिर इनके जरिए विदेश में सक्रिय गिरोह के सदस्य पूरे काम को अंजाम दे रहे हैं. वाराणसी में पकड़े गए इस पूरे गैंग के सरगना निजाम से पूछताछ में पुलिस को यह भी पता चला है कि इस तरह के लिंक और एपीके फाइल के लिए व्हाट्सएप नंबर और मोबाइल नंबर की जानकारियां इन्हें तमाम बड़ी कंपनियों के डाटा बैंक से आसानी से मिल जाती है. वहां पर भी उनके कुछ लोग हैं, जो डाटा उपलब्ध करवाने के लिए एक परसेंट हिस्सा अलग से लेते हैं. यानी अगर आप अपना मोबाइल व्हाट्सएप नंबर किसी से शेयर कर रहे हैं तो वह भी आप तक साइबर क्रिमिनल्स को पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कदम हो जाता है. इसलिए यह भी जरूरी है कि अपना नंबर अपना व्हाट्सएप नंबर बेवजह किसी से साझा ना करें. खास तौर पर पेट्रोल पंप शॉपिंग मॉल मल्टीप्लेक्स में घूम रहे लोगों को किसी ऑफर या किसी फॉर्म भरने के बहाने अपना नंबर ऐसे ही ना दें. क्योंकि यह साइबर क्राइम के लिए पहला कदम माना जा सकता है.
साइबर ठगी से बचाव के तरीके. (ETV Bharat Gfx) लिंक क्रिएट करके फ्रॉड का नया तरीकाःसाइबर एक्सपर्ट मृत्युंजय सिंह का कहना है कि ऐसे संदेश जिसमें लिखा हो आप अपने दोस्तों को अपने नाम से हैप्पी न्यू ईयर ग्रीटिंग भेज सकते हैं. अगर आप चाहे तो कार्ड पाने के लिए साथ में दिए लिंक पर क्लिक करें. अगर आपको इस तरह के मैसेज आते हैं तो अलर्ट हो जाइए. क्योंकि जैसे ही आप इस लिंक पर क्लिक करेंगे साइबर अपराधी आपका फोन और लैपटॉप पूरी तरह से अपने एक्सेस में ले लेंगे और उसके बाद आपके फोन का डाटा, गैलरी, आपके कांटेक्ट नंबर और बैंक अकाउंट डिटेल के साथ ही आपके सारे पासवर्ड भी उनके पास पहुंच जाएंगे. यह हैप्पी न्यू ईयर के नाम पर चल रही एक साइबर फ्रॉड की नई कहानी है. जिसमें एक रेडीमेड लिंक क्रिएट करके लोगों के साथ फ्रॉड किया जा रहा है.
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