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केदार यात्रा मार्ग पर होगा सात हजार घोड़े-खच्चरों का संचालन, डीएम ने दिए निर्देश - Kedarnath horse mule

Kedarnath Dham Yatra केदार यात्रा मार्ग पर इस बार सात हजार घोड़े-खच्चरों का संचालन होगा. जिसके लिए डीएम ने म्यूल टास्क फोर्स का गठन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही डीएम डाॅ. सौरभ गहरवार ने अधिकारियों को सेंचुरियन क्षेत्र में घोड़े-खच्चर के डेरे के साथ रहने की अनुमति ना देने के निर्देश दिए हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 7, 2024, 8:24 AM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ होने वाली पशु क्रूरता की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार ने सख्त दिशा निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को निरंतर निगरानी रखने के लिए म्यूल टास्क फोर्स का गठन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही घोड़े-खच्चर संचालकों के साथ आवश्यक बैठक करने को कहा. बैठक में पीपल फाॅर एनिमल की सदस्य गौरी मौलखी भी मौजूद रही.

आयोजित बैठक में डीएम ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई पशु क्रूरता नहीं होनी चाहिए. इसकी निरंतर निगरानी रखने के लिए म्यूल टास्क फोर्स का गठन किया जाए. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि इस वर्ष यात्रा मार्ग में सात हजार तक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण कराया जाए. इसके लिए उन्होंने मार्च से ही रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए. साथ ही संबंधित क्षेत्रों में घोड़े-खच्चर संचालकों के साथ आवश्यक बैठक करने को कहा. उन्होंने कहा कि घोड़े-खच्चरों के लिए जो भी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाया जाएगा, वह केवल एक माह के लिए ही तैयार किया जाए, ताकि किसी भी घोड़े-खच्चर के साथ किसी भी तरह से कोई पशु क्रूरता न हो.
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वहीं गौरीकुंड घोड़ा-पड़ाव के ऊपर सेंचुरियन क्षेत्र में घोड़े-खच्चर के डेरे व रहने की अनुमति नहीं दिए जाने के निर्देश दिए. इसके लिए उन्होंने वन विभाग, पुलिस, उपजिलाधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को घोड़े-खच्चर संचालकों के साथ आवश्यक बैठक करने के निर्देश दिए गए. उन्होंने प्रबंधक जीमैक्स को यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के लिए विवरण के लिए चिप तैयार करने के निर्देश दिए.घोड़े-खच्चर संचालक को रजिस्ट्रेशन व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की वैद्यता की जानकारी देने को कहा. ताकि घोड़े-खच्चर संचालक को पूर्ण जानकारी उपलब्ध रहे. बिना पंजीकरण के घोड़े-खच्चरों का संचालन किसी भी दशा में न किया जाए.
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वहीं डीएम डाॅ. सौरभ गहरवार ने अधिकारियों से कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा में देश-विदेश से लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. भक्तों को गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक 18 किमी पैदल चढ़ाई में सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जबकि केदारनाथ धाम पहुंचने पर उन्हें गंदगी की समस्या से दो-चार होने के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से भी जूझना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि केदारनाथ यात्रा में साफ-सफाई से लेकर स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए. डीएम ने केदारनाथ धाम में बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर नगर पंचायत एवं जिला पंचायत को आवश्यक प्लान तैयार करने के निर्देश दिए.

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