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बगहा में एक गांव में अनूठी परंपरा, पेड़-पौधों के साथ मनाई दीपावली, दिया बड़ा संदेश - DIWALI WITH TREES

बगहा के एक गांव में पेड़-पौधों के साथ दीपावली मनाई गई. लोगों को इससे बड़ा संदेश दिया गया..पढ़ें-

पेड़ पौधों के साथ मनाई दिवाली
पेड़ पौधों के साथ मनाई दिवाली (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 31, 2024, 12:42 PM IST

बगहा: एक तरफ देश में दीपावली के दिन बड़े पैमाने पर पटाखा जलाकर लोग वायुमंडल को प्रदूषित करने का काम करते हैं, वहीं बगहा के नरवल-बरवल पंचायत अंतर्गत पिपरा गांव के लोग इको फ्रेंडली दिवाली मनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते आ रहे हैं. दरअसल, इस गांव में जन्मे पर्यावरण प्रेमी गजेन्द्र यादव द्वारा जागरूकता का प्रभाव ग्रामीणों के सिर चढ़कर बोलता है.

पेड़ पौधों के साथ मनाई दिवाली : ट्री मैन के नाम से मशहूर गजेन्द्र यादव ने अब तक ग्रामीणों के साथ मिलकर 10 लाख से ज्यादा वृक्षारोपण किया है. वे इन पौधों की देखभाल अपने बच्चों की तरह करते आ रहे हैं. यही वजह है कि रक्षाबंधन, होली या दीपावली जैसे पर्व ये स्कूली छात्र-छात्राओं और ग्रामीणों या अधिकारियों के साथ पेड़-पौधों के साथ ही मनाते आ रहे हैं. बता दें कि गजेन्द्र यादव दिल के मरीज हैं और 47 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने शादी नहीं की है. ये पेड़-पौधों को ही अपना परिवार मानते हैं. नतीजतन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी से कई मर्तबा सम्मानित हो चुके हैं.

पेड़ पौधों के साथ मनाई दिवाली (ETV Bhara)

प्रकृति को समर्पित है त्योहार: गजेन्द्र यादव बताते हैं कि पेड़ पौधों से ही हमें जीवन मिलता है. इनके द्वारा उत्सर्जित ऑक्सीजन हमारे लिए प्राणदायिनी है. अभी के समय में प्रदूषण और अन्य कारणों से तेजी से जलवायु परिवर्तन होता जा रहा है, ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण कर के ही इन चुनौतियों से निपटा जा सकता है.

''दीपावली या छठ पूजा प्रकृति को समर्पित त्यौहार है. पेड़, पौधों और नदियों की पूजा की जाती है. उनके संरक्षण का संकल्प लिया जाता है. ऐसे में गजेन्द्र यादव की यह पहल काफी सराहनीय है.''- डॉ नेशामणि, वन संरक्षक

पेड़ के नीचे दीप जलाते ग्रामीण और ट्री मैन (ETV Bharat)

ट्री मैन ने मनाई दिवाली : ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के लिए वृक्षारोपण ही एक मात्र उपाय है. लिहाजा प्रकृति का संरक्षण करना सबका कर्तव्य है. वहीं, नरवल बरवल पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मो. राशिद ने बताया कि पिपरा गांव के गजेन्द्र ने अपना पूरा जीवन पेड़ पौधों को समर्पित कर दिया है. उनसे प्रेरणा लेकर तकरीबन 15 वर्षों से गांव और शहर के बड़े बुजुर्ग, अधिकारी व छात्र छात्राएं पेड़-पौधों के संरक्षण में जुटे हैं. जो मेरे पंचायत और बिहार के लिए गर्व की बात है. हमलोग दशकों से पंचायत में बड़े पैमाने पर पौधरोपण करते आ रहे हैं. इस पूरे पंचायत को ग्रीन विलेज बनाकर देश दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देना चाहते हैं.

एक पेड़, एक दीप (ETV Bhara)

ग्लोबल वार्मिंग : जलवायु परिवर्तन से दुनिया भर में ग्लेशियर और बर्फ़ की परतें पिघल रही हैं. नतीजतन समुद्र का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. साथ ही इससे कई पौधों और जानवरों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से गीले इलाके और भी गीले और शुष्क इलाके और भी ज्यादा शुष्क होते जा रहे हैं. इतना ही नहीं ग्लोबल वार्मिंग से कृषि भी प्रभावित हो रही है. कई तरह के नुकसान देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में बिहार के इस गांव के पेड़-पौधों के साथ पर्व त्यौहार मनाकर पर्यावरण संरक्षण की अनूठी परम्परा वाकई देश दुनिया के लिए मिसाल है.

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