महराजगंज/बहराइच : पूर्वांचल सहित पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में पिछले 36 घंटे से मूसलाधार बारिश के चलते नेपाल ने लगभग छह लाख क्यूसेक छोड़ा है, जिसके बाद नेपाल से बहने वाली तमाम नदियां उफान पर हैं. भारत के अंतिम छोर पर बसे नेपाल के समीप लक्ष्मीपुर खुर्द गांव समेत तमाम गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, वहीं सोहागीबरावा गांव पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हो गया है.
जिलाधिकारी व एसपी ने सोहागीबरावा गांव पहुंचकर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का नाव में बैठकर निरीक्षण किया और राहत सामग्री भी बांटी. जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया कि बाढ़ राहत का कार्य बेहद संवेदनशीलता और सक्रियता के साथ किया जाए. किसी भी स्तर पर कोई शिथिलता क्षम्य नहीं होगी. उन्होंने उपजिलाधिकारी को रोजाना बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा करने का निर्देश दिया. साथ ही पशुआश्रय स्थलों पर पर्याप्त चारा और दवा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. साथ ही बाढ़ के उपरांत जल जनित रोगों से बचाव के संदर्भ में भी जरूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया. बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ और बाढ़ पुलिस की टीमें भी लगाई गई हैं. वर्तमान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जलस्तर कम हो रहा है और हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं.
इन गांवों में पानी घुसने से बिगड़े हालात :यागी तूफान के प्रभाव के कारण बीते दिनों यूपी के कई जिलो में करीब 4 दिन लगातार तूफानी बारिश हुई थी. इसके चलते नदियां उफान पर हैं. संतकबीरनगर जिले में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इसके अलावा उन्नाव में भी गंगा नदी उफान पर है. बढ़ते हुए जलस्तर ने संतकबीरनगर जिले के धनघटा के दर्जन भर गांवों में तबाही मचा दी थी. बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया था, जिससे ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. क्षेत्र के गायघाट, कंचनपुर, सियरकला, चकदहा,, भौआपार, खैरगढ़, दौलतपुर, आगापुर गुलरिया, कुर्मियां, भरौटी, खालेपुरवा समेत कई गांवों में पानी घुसने से हालात बिगड़ने के साथ ही इन गांवों में स्थित परिषदीय विद्यालयों में पानी भर गया था.