देहरादून: उत्तराखंड में वन पंचायतों को आजीविका से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं. इसके पीछे की वजह आम लोगों की वनों में सहभागिता को बढ़ाना है. इसी कड़ी में पारदर्शी नर्सरी पॉलिसी तैयार करने, वन संरक्षण से जुड़े एक्ट में संशोधन करने, जड़ी बूटी मिशन के तहत इसके सुनियोजित उपयोग और रॉयल्टी पर काम करने समेत जैव विविधता के तहत हर्बल मिशन पर काम करने जैसे बिंदुओं पर चर्चा की गई. वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान इन सभी विषयों पर चर्चा की गई. साथ ही तमाम सुझावों के आधार पर काम करने के दिशा निर्देश भी जारी किए गए.
वन विभाग की बैठक में बड़े फैसले: उत्तराखंड वन विभाग में वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में विभाग की फ्लैगशिप योजनाओं समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई. इस दौरान वृक्ष संरक्षण अधिनियम के तहत वृक्षों के कटान संबंधी विभिन्न प्रजातियों के नियमों में संशोधन को लेकर चर्चा की गई. विभाग का प्रयास इन नियमों को शिथिल कर आम लोगों के हितों के आधार पर तैयार करना है. इसके अलावा जड़ी बूटियां के उपयोग और इससे मिलने वाली रॉयल्टी को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई. इस दौरान जड़ी बूटी मिशन के तहत 428 करोड़ के प्रोजेक्ट को वन पंचायत के माध्यम से आगे बढ़ाने और इससे आम लोगों को जोड़ने के प्रयास पर भी विचार किया गया.