नई दिल्ली/नोएडा:इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीए) की नोएडा शाखा पहली बार 15 से 17 नवंबर तक सेक्टर 18 में 46वीं आईडीए यूपी स्टेट डेंटल कॉन्फ्रेंस की मेजबानी कर रहा है. इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश और अन्य दूर-दराज के क्षेत्रों से 500 से अधिक डॉक्टर और छात्र भाग ले रहे हैं. सम्मेलन का मुख्य विषय "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: नेक्स्ट जेन डेंटिस्ट्री" है, जो दंत चिकित्सा के उभरते तकनीकी आयामों को उजागर करता है.
कलराज मिश्र ने किया सम्मेलन का उद्घाटन :सम्मेलन का उद्घाटन राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा शनिवार को किया गया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि एआई जैसे नवीनतम तकनीकी उपकरण दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला रहे हैं. उन्होंने इस मौके पर दंत चिकित्सा के क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचारों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
सम्मेलन में 75 छात्रों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया:सम्मेलन में उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के दंत चिकित्सकों और छात्रों के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. इसमें वैज्ञानिक गतिविधियों के अंतर्गत 75 छात्र अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं, जबकि 47 छात्र वैज्ञानिक पोस्टर के जरिए अपने विचार साझा कर रहे हैं. उत्कृष्ट प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया जाएगा.सम्मेलन में आयोजित पैनल चर्चाओं में एम्स, मौलाना आज़ाद डेंटल कॉलेज और जामिया मिलिया डेंटल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टर शामिल हुए. इन चर्चाओं में दंत चिकित्सा क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर विचार-विमर्श हुआ.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दंत चिकित्सा पर विशेष चर्चा :डॉ. डीके सिंह और डॉ. धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से जटिल प्रक्रियाओं को अब चंद सेकंडों या मिनटों में पूरा किया जा सकता है. एआई आधारित उपकरणों ने ना केवल समय की बचत की है, बल्कि मरीजों के इलाज को अधिक सटीक और प्रभावी बनाया है. यह तकनीक मरीजों के डेटा का विश्लेषण करके दंत समस्याओं का शीघ्र निदान और उपचार की प्रक्रिया को सरल बनाती है.
छात्रों को दी जा रही नई तकनीक की जानकारी :छात्रों के लिए यह सम्मेलन सीखने और अपने विचार प्रस्तुत करने का एक अद्वितीय मंच है. शोध पत्र और पोस्टर प्रस्तुतियों में नई तकनीकों और विचारों को प्रमुखता दी जा रही है. चयनित छात्रों को पुरस्कार देकर उनके प्रयासों को मान्यता दी जाएगी.