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ज्योतिरादित्य सिंधिया-शिवराज का वादा, दिग्विजय ने कहा महाराज याद करिए - Digvijay Comments on Shivraj

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके वादे पर खरा उतरने की चुनौती दी है. जानिेए क्या है पूरा मामला.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

Published : 5 hours ago

DIGVIJAY SINGH ON GUEST TEACHER
दिग्विजय ने शिवराज-सिंधिया को याद दिलाया पुराना वादा (ETV Bharat)

भोपाल:अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग को लेकर राजधानी में विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान भीड़ पर लाठीचार्ज करने से अतिथि शिक्षकों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है. अब अतिथि शिक्षकों ने एकजुट होकर प्रदर्शन करने की बजाय जिला स्तर पर विधायक, सांसद और आरएसएस के क्षेत्रीय विस्तारकों के साथ अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए विरोध जता रहे हैं. इसी बीच इस मामले में दिग्विजय सिंह की एंट्री हो गई है.

दिग्विजय ने शिवराज और सिंधिया को घेरा

दिग्विजय सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर अतिथि शिक्षकों को लेकर एक पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने लिखा, '' गांधी जयंती पर अतिथि शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया गया, उस समय वो सुंदरकांड कर रहे थे. वहीं लाठी चार्ज से पहले जलिया वाला बाग की तरह बिजली बंद कर दी गई. अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन के दौरान पहले गोली चलाने की चेतावनी भरा बैनर लगाया गया. इसमें प्रदर्शनकारियों को बलवाई लिखा गया.'' इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर पूर्व सीएम शिवराज से पूछा कि मामा जी आपके वादों का क्या हुआ. उन्होंने सिंधिया को भी एक्स पर घेरते हुए पूछा कि महाराज आप कब इनके लिए उतरेंगे.

प्रदर्शन करते हुए अतिथि शिक्षक (ETV Bharat)

जलिया वाला बाग से की दिग्विजय ने तुलना

इस बीच सरकार भी अतिथि शिक्षकों को लेकर कुछ कहने से बच रही है. इधर कांग्रेस को सरकार का विरोध करने का एक मुद्दा मिल गया है. पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन में शामिल होकर विरोध जताया था. अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर दिग्विजय सिंह ने अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन की तुलना जलिया वाला बाग से की है.

शिक्षा मंत्री ने कुछ भी बोलने से किया इंकार

इधर अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन और नियमितीकरण को लेकर सरकार कुछ भी बोलने से बच रही है. इससे पहले स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने अतिथियों के नियमितीकरण को लेकर कहा था कि '' अतिथि बनकर आए हो तो घर पर कब्जा कर लोगे.'' मंत्री के इस बयान के बाद उनकी काफी किरकिरी हुई थी और उन्होंने अपने शब्दों को बाद में वापस भी लिया था. वहीं अतिथि शिक्षकों ने जब मंत्री जी से मिलकर अपनी मांगों को लेकर प्रस्ताव सौंपा तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

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अतिथि शिक्षकों की ये हैं प्रमुख मांगें

  • अतिथि शिक्षक स्कोर कार्ड में प्रत्येक सत्र के अनुभव के 10 अंक अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों में शामिल करें.
  • अनुभव के आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षकों को 12 माह का सेवाकाल और पद स्थाई करें.
  • 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों को एक और मौका दिया जाए.
  • अतिथि शिक्षक भर्ती में वार्षिक अनुबंध सत्र 2024-25 से लागू करें.

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