लखनऊ : एक तरफ उत्तर प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बिना हेलमेट और सीट बेल्ट लगाये वाहन चलाने वालों के खिलाफ कड़ाई से चेकिंग के निर्देश जारी कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ अधिकारियों की कमी इसमें बाधा बनी हुई है. आलम ये है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी के ही आरटीओ कार्यालय में एक भी एआरटीओ (प्रवर्तन) तैनात नहीं हैं, जबकि यहां पर एआरटीओ (प्रवर्तन) के कुल तीन पद हैं. इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही तैनाती होगी.
एआरटीओ के सारे पद खाली :बता दें, लखनऊ समेत प्रदेश के हर शहर में चेकिंग अभियान की जिम्मेदारी प्रवर्तन की टीम पर होती है. आरटीओ प्रवर्तन, एआरटीओ प्रवर्तन और पीटीओ की टीम पुलिस के साथ मिलकर चेकिंग अभियान चलाती है. लखनऊ में तीन एआरटीओ और चार पीटीओ होने चाहिए. पिछले कुछ वर्षों से एक ही एआरटीओ की तैनाती रही है. अगस्त में एआरटीओ प्रवर्तन के तबादले के बाद श्रावस्ती से एआरटीओ प्रवर्तन को लखनऊ अटैच किया गया था. कुछ समय पहले अटैच किये जाने की व्यवस्था पर रोक लगी तो एआरटीओ (प्रवर्तन) फिर से श्रावस्ती भेज दिए गए. उनके जाने के बाद यहां पर एआरटीओ के सारे पद खाली हो चुके हैं. जिसके चलते अभियान चलाने में दिक्कतें आ रहीं हैं.