जयपुर :राजस्थान में स्कूलों के क्रमोन्नत होने और इंग्लिश मीडियम स्कूल में तब्दील होने के बाद करीब 37 हजार सरप्लस शिक्षकों का समायोजन किया जा रहा है, लेकिन शाला दर्पण पर विषय के स्वीकृत पदों के अनुसार शिक्षकों का समायोजन करने की बजाय, 2015 के समानीकरण नियम से सरप्लस शिक्षकों का समायोजन किया जा रहा है. सरकार का यह कदम शिक्षक संगठनों को रास नहीं आ रहा. ऐसे में अब उन्होंने विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों के समायोजन को लेकर सुझाव दिए हैं. इधर, शिक्षा मंत्री ने भी इस पर मंथन करने की बात कही है.
सरप्लस शिक्षकों के समायोजन पर मतभेद (Video ETV Bharat Jaipur) प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में सरप्लस चल रहे 37 हजार शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया को शिक्षक संगठनों ने चैलेंज किया है. राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक नेता अंजनी कुमार शर्मा ने कहा कि उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय से क्रमोन्नत हुए उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 2015 के स्टाफिंग पैटर्न और 2021 के नियमों में से किसी एक के अनुसार पदों के आवंटन हो.
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महात्मा गांधी विद्यालयों में साक्षात्कार से चयनित होकर लगे स्थाई शिक्षकों को विद्यालयों में रखा जाए और सेवानिवृत होने वाले शिक्षक, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला शिक्षक को उन्हीं विद्यालयों या निकटतम विद्यालयों में समायोजित करने के संबंध में वार्ता हुई है. इस संबंध में शिक्षा निदेशक ने आश्वस्त किया कि शिक्षकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी. शिक्षकों के समायोजन को लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षकों के समायोजन पर विचार किया जाएगा. पहला उद्देश्य बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का है. यदि किसी स्कूल में अध्यापक कम है तो वहां बच्चों की संख्या के आधार पर शिक्षकों को लगाने का काम किया जाएगा.
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शिक्षकों के समायोजन को लेकर शिक्षक संगठनों का सुझाव :
- नवक्रमोन्नत विद्यालय में शाला दर्पण पर थर्ड ग्रेड शिक्षकों के 4 पद स्वीकृत हैं. स्वीकृत पदों पर L-2 के दो पद विषय गणित/विज्ञान, अंग्रेजी और L-1 के दो पद स्वीकृत हैं. उन पर क्रमोन्नति से पहले प्रारम्भिक शिक्षा के शिक्षकों का समायोजन अधिशेष प्रक्रिया से पहले किया जाए. साथ ही वरिष्ठ अध्यापक के छह पद स्वीकृत हैं, उन्हें ज्यों का त्यों रखते हुए नियम 2021 के अनुसार समायोजन किया जाए.
- जिन नवक्रमोन्नत विद्यालयों में शाला दर्पण पर पद स्वीकृत नहीं है, वहां संभावित मापदंड अनुसार लेवल-2 के तीन, लेवल-1 के दो पद और वरिष्ठ अध्यापक के तीन पद स्वीकृत मानते हुए उन पर क्रमोन्नति से पहले प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों का समायोजन अधिशेष प्रक्रिया से पहले किया जाए.
- सभी जिला शिक्षा अधिकारियों की ओर से शाला दर्पण पर स्वीकृत पद है, लेकिन IFMS पर पद नहीं होने के कारण उन शिक्षकों को अधिशेष घोषित किया जा रहा है. इससे अधिशेष शिक्षकों की सूची लंबी होती जा रही है. ऐसे में यदि शाला दर्पण पर स्वीकृत पद है, तो उसे अधिशेष घोषित नहीं किया जाए.
- महात्मा गांधी विद्यालयों में संविदा शिक्षकों को स्थाई मानते हुए इंटरव्यू से चयनित शिक्षकों को हटाया जा रहा है. जिससे बहुत से कोर्ट केस हो रहे हैं. ऐसे में चयनित शिक्षकों को अधिशेष समायोजन से दूर रखा जाए.