मोबाइल ऐप से बिना ब्लड सैंपल दिए कर सकेंगे डायबिटीज टेस्ट, जानिए
Diabetes Mobile App डायबिटीज, देश के एक बड़े तबके के लिए सबसे बड़ी समस्या है. इसके ब्लड टेस्ट के लिए लोगों को डॉक्टर के क्लिनिक जाना या ग्लूकोमीटर किट का उपयोग करना पड़ता है, जिसके लिए पहले ब्लड निकाला जाता है. ऐसे में ब्लड सैंपल देना कई लोगों के लिए काफी पीड़ा दायक होता है. लेकिन अब एक ऐसा टूल्स तैयार किया जा रहा है, जिसके जरिए आप घर बैठे बिना ब्लड सैंपल दिए डायबिटीज टेस्ट कर सकेंगे.
रायपुर: इस नई तकनीक के आने के बाद डायबिटीज की जांच के लिए ना तो आपका डॉक्टर के पास जाना होगा, न ही क्लीनिक के चक्कर काटने होंगे और न ही पैथोलॉजी में खून देना होगा. क्योंकि इसके लिए खून निकलने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही किसी तरह के मशीनों की जरूरत पड़ेगी. बल्कि आप घर बैठे अपने मोबाइल के माध्यम से ही अपना ब्लड टेस्ट कर पता लगा सकेंगे कि आपके ब्लड में कितना शुगर है.
मोबाइल ऐप को कराया पेटेंट: इस मोबाइल ऐप को डेवलप करने की तैयारी शुरू हो गई है. इतना ही नहीं इस ऐप को संबंधित संस्था और लोगों ने पेटेंट भी करा लिया है. इस एप और टूल्स के जरिए डायबिटीज जांच कर सकेंगे. जिसकी जानकारी प्रोजेक्ट इन्वेस्टिगेटर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अनुराग सिंह ने ईटीवी भारत को दी है.
इस एप के लिए तीन संस्थानों की अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है. इस प्रोजेक्ट में ट्रिपल आईटी रायपुर से मैं, ट्रिपल आईटी धारवाड़ से डॉ शिवशंकर पाणी और रायपुर एम्स से डॉ अमृत घोष कार्य कर रहे हैं. वहीं इस प्रोजेक्ट को पेटेंट ग्रांट हो चुका है. - डॉ अनुराग सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर
ब्लड सैंपल देने से घबराते हैं लोग: आमतौर पर डायबिटीज पता करने के लिए लोगों का इंजेक्शन से ब्लड निकाला जाता है या फिर सुई चोभोकर उंगली से खून निकाला जाता है. उसके बाद डायबिटीज लेवल टेसेट करने के बाद रिपोर्ट पता चलता है. इस प्रक्रिया से लोगों को काफी तकलीफ होती है. इंजेक्शन के नाम से कई लोग घबराते हैं. इसलिए वह टेस्ट कराने से भी बचते हैं. लेकिन इसकी वजह से उन्हें उनके ब्लड का शुगर लेवल पता नहीं चलता, जो बड़ी लापरवाही है.
एप तैयार करने मिल चुकी है फंडिंग: प्रोफेसर डॉ अनुराग सिंह ने बताया, "हम लोग एक आइडिया पर काम कर रहे थे, जिसके तहत यह कोशिश की जा रही थी कि लोगों के डायबिटीज लेवल को कैसे पता किया जाए. फिर ट्रिपल आईटी रायपुर में कुछ ऐसा तरीका सोचा, जिससे ब्लड का शुगर लेवल भी पता चल जाए और लोगों को किसी तरह की तकलीफ भी ना हो. इस आईडिया के साथ हम लोगों ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया है. उसे साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) भेजा है, जहां से इसके लिए फंडिंग दे दी गई है."
मोबाइल से हो सकेगी डायबिटीज टेस्ट:डॉ अनुराग सिंह ने बताया, "आज के समय में सभी के पास स्मार्टफोन होता है. हमारा आइडिया था कि हम मोबाइल फोन के जरिए ऐसी कोई चीज या डिवाइस तैयार करें, जिससे लोगों के ब्लड में ग्लूकोस का लेवल नापा जा सके. लोगों को ब्लड टेस्ट के लिए कहीं जाना ना पड़े और घर बैठे वह अपने शुगर लेवल को जान सके. इसी उद्देश्य के साथ हम मोबाइल एप का डिजाइन तैयार कर रहे हैं. अभी इसकी स्टार्टिंग है, इसमें कई सारे टूल्स जोड़ना बाकी है."
मोबाइल ऐप से कैसे होगी डायबिटीज जांच?: डॉ अनुराग सिंह के अनुसार, बिना ब्लड निकाले मोबाइल ऐप से डायबिटीज जांच के लिए फोन के कैमरे का इस ऐप में इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही बॉडी सिग्नल सहित कई प्रोसेसिंग टूल्स का प्रयोग कर ब्लड में ग्लूकोस लेवल का पता लगाया जाएगा. इसके लिए ऑफिशल एप डिजाइन किया हुआ है. उसमें बहुत सारा काम करना बाकी है. एप तैयार होने के बाद उसकी टेस्टिंग की जाएगी, फिलहाल यह ऐप शुरुआती दौर में है. इसके बन जाने के बाद हम शुगर लेवल की जानकारी दे सकेंगे."
रिपोर्ट को क्या डॉक्टर और अस्पताल देंगे मान्यता?: डॉ अनुराग सिंह का कहना है कि "हमारा उद्देश्य है कि इसके अच्छे परिणाम हो, ताकि आने वाले समय में डॉक्टर और अस्पताल भी इसके रिजल्ट को एक्सेप्ट कर सकें. हमारी पूरी कोशिश होगी कि इस ऐप के जरिए लोगों के ब्लड शुगर की सही जानकारी दी जा सके. इसके अच्छे परिणाम के लिए रायपुर एम्स से टाईअप किया गया है. टेस्टिंग सहित अन्य जानकारी के लिए उनकी मदद ली जा रही है. एप कंप्लीट होने के बाद जैसे नॉर्मल ग्लूकोमीटर टेस्ट रिपोर्ट आती है, इस तरह से इस ऐप की रिपोर्ट भी होगी."
एप से घर बैठे कर सकेंगे शुगर टेस्ट:देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब तो बच्चों में भी डायबिटीज देखने को मिल रहा है. यदि शुरुआती दौर में इसका पता चल जाए तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन जांच के दौरान ब्लड निकलने की प्रक्रिया लोगों के लिए परेशानी का सबब होती है. साथ ही इसके टेस्ट में भी काफी पैसा लगता है. ग्लूकोमीटर सस्ता आता है, लेकिन उसकी टेस्ट कीट महंगी होती है. इस वजह से हर कोई उसे खरीद नहीं पाता है. यही व्यवस्था मोबाइल में होगी तो हर कोई इसका इस्तेमाल आसानी से कर सकेगा. उसे ब्लड निकालने की पीड़ा से भी नहीं गुजरना होगा. ब्लड में शुगर लेवल पता चलने पर लोग खान-पान और दिनचर्या को व्यवस्थित कर उसे नियंत्रित कर सकेंगे.