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Rajasthan: धनतेरस पर 'पीले सोने' के रूप में महिलाएं घर लेकर पहुंची पीली मिट्टी, ये है परंपरा - धनतेरस

मेवाड़ में धनतेरस के दिन कुछ अलग ही परंपरा नजर आती है. जानिए क्या है परंपरा...

महिलाएं घर लेकर पहुंची पीली मिट्टी
महिलाएं घर लेकर पहुंची पीली मिट्टी (ETV Bharat Bhilwara)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 29, 2024, 11:28 AM IST

भीलवाड़ा :पंच दिवसीय दीपावली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है. पूरे वर्ष घर में सुख, शांति व धन संपदा रहे, इसके लिए महिलाएं सूर्य की पहली किरण के साथ ही पीली मिट्टी लेकर आती हैं. दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के समय लक्ष्मी जी की तस्वीर के नीचे इस मिट्टी को रखकर पूजा की जाती है.

पीली मिट्टी की पूजा करने आई सुनीता शर्मा ने कहा कि धनतेरस के पर्व पर हम सभी महिलाएं यहां पर मिट्टी लेने आए हैं. हम इस मिट्टी को धन का प्रतीक मानते हैं. पौराणिक काल में मिट्टी से अपने घर को बनाया जाता था. उस दौर में पीली मिट्टी से अपने घर का शुद्धिकरण किया जाता था. ऐसे में कहा जाता है कि पीली मिट्टी में लक्ष्मी मां विराजित हैं. यह परंपरा कई सदियों से चली आ रही है.

महिलाएं घर लेकर पहुंचती हैं पीली मिट्टी (वीडियो ईटीवी भारत भीलवाड़ा)

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महिलाएं मिट्टी पूजने के लिए घर से पूजा का सामान लेकर निकलती हैं. रास्ते में वे एक स्थान पर रुककर स्वास्तिक का चिन्ह बनाती हैं और माता रानी से प्रार्थना करती हैं कि धन के रूप में हमारे साथ चलो. फिर मिट्टी पूजन कर उसे घर ले जाती हैं. मिट्टी को पूजने के लिए महिलाएं दीपक, कुमकुम, लच्छा, फल, जल, अगरबत्ती और धान के रूप गेहूं लेकर जाती हैं.

पूजा करतीं महिलाएं (ETV Bharat Bhilwara)

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