धनबादः 20 साल की जंग के बाद आखिरकार 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को इंसाफ मिल ही गया. पुरानी पेंशन स्कीम की तर्ज पर रेलवे समेत अन्य विभागों के केंद्रीय कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के बदले 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम मिलेगा.
1 अप्रैल 2004 से केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम योजना को खत्म कर दिया था. 1 अप्रैल 2004 से बहाल होने वाले अब तक नए रेल कर्मियों को रिटायर के बाद 50 फीसदी पेंशन नहीं मिलने वाला था. रेलवे में ईसीआरकेयू और एआईआरएफ यूनियन ने 20 वर्षों तक बैठक, धरना-प्रदर्शन और अपनी मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचाया. कई बार यूनियन ने देशभर में हड़ताल करने की रणनीति बनाई. केंद्र सरकार के आश्वासन पर हड़ताल को स्थगित कर दिया जाता था. वहीं दूसरी ओर अन्य केंद्रीय संस्थानों के यूनियन ने भी अपने हक की लड़ाई लड़ी थी. आखिरकार यूनियन जीत गए और केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को यूनिफाइड पेंशन स्कीम के नाम से लागू कर दिया.
धनबाद रेल मंडल के डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि धनबाद रेल मंडल में एक अप्रैल 2004 के बाद बहाल हुए 18 हजार 449 कर्मियों को इस पेंशन का लाभ मिलेगा. देशभर के 23 लाख रेलकर्मियों ने इसके लिए मोदी सरकार को बधाई दी है. विधानसभा चुनाव से पहले रेलकर्मियों को बड़ी सौगात मिली है. सरकार ने अपना योगदान बढ़ाकर 18.5% किया है. 25 वर्षों तक काम करने वालों को वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा, जैसा 1 अप्रैल 2004 से पहले मिलता था जबकि 25 वर्षों से कम काम करनेवालों को आवंटन के आधार पर राशि तय होगी. केंद्र सरकार पर वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
पारिवारिक पेंशन समेत कई अन्य लाभ भी मिलेंगे
जानकारी के अनुसार रिटायरमेंट से पहले अंतिम कार्य वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि बतौर पेंशन दी जाएगी. अगर सेवा काल 10 से 25 वर्षों का है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी. यूपीएस में सुनिश्चित पेंशन, परिवार को पेंशन, सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन, पेंशन की राशि की महंगाई दर के साथ जोड़ने और सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा भी एक सुनिश्चित राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है.
कर्मचारियों को देना होगा 10 फीसदी का योगदान
एक तरह से यह पुरानी पेंशन स्कीम की तरह ही होगी, लेकिन अंतर सिर्फ इतना होगा कि ओपीएस में जहां कर्मचारियों को योगदान नहीं देना होता था, यूपीएस में नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) की तर्ज पर ही 10 प्रतिशत योगदान देना होगा. यूपीएस के लिए कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त योगदान नहीं देना होगा, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से पेंशन फंड में योगदान मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है. यह साल दर साल महंगाई दर आदि के कारण बढ़ता रहेगा. इससे केंद्र पर वर्ष 2025-26 के दौरान ही 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
एक अप्रैल 2025 से होगी लागू
चुनावी माहौल में इसे सरकार की ओर से बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है. पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक शनिवार देर शाम को हुई थी, जिसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम के बारे में फैसला किया गया. सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी. इससे सीधे तौर पर केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.