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दिल्ली-एनसीआर में चंदेनी के देसी गेहूं 306 की भारी डिमांड, खासियत जानकर आप भी दौड़े चले आएंगे खरीदने

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 18, 2024, 9:08 AM IST

Wheat Farming in Chandeni village Nuh: हरियाणा के नूंह जिले में देसी गेहूं की खेती करने वाले किसान इनदिनों मालामाल हो रहे हैं. देसी गेहूं यानी 306 गेहूं की डिमांड दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर है. किसानों को गेहूं बेचने के लिए मंडी नहीं जाना पड़ता, बल्कि दूर-दूर से लोग खेत में ही हाथों-हाथ गेहूं खरीदने आ जाते हैं.

Huge demand for 306 wheat variety in Delhi NCR
दिल्ली-एनसीआर में 306 गेहूं की भारी डिमांड

दिल्ली-एनसीआर में 306 गेहूं की भारी डिमांड

नूंह: हरियाणा के नूंह जिले के वैसे तो आधा दर्जन से अधिक गांव की हजारों एकड़ भूमि में देसी गेहूं यानी 306 उगाया जाता है ,लेकिन चंदेनी गांव की सोना उगलने वाली भूमि के देसी गेहूं का पूरे हरियाणा में तोड़ नहीं है. गुणवत्ता के साथ बिना खाद और बिना सिंचाई बरसात के भरोसे ही किसान देसी गेहूं की खेती कर रहे हैं.

दिल्ली-एनसीआर में 306 गेहूं की भारी डिमांड: दरअसल झील नुमा सैकड़ों एकड़ चंदेनी गंव की भूमि में अरावली पर्वत का बरसात का पानी बहकर इस जमीन में आकर रुकता है. घासेड़ा, रिठोड़ा आदि गांव में भी इसी पानी से बिजाई होती है. पानी सूखने पर गेहूं की बिजाई होती है, जिसमें बिना सिंचाई तेजी से गेहूं बढ़ता है. स्थानीय किसानों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले अमीरों को चंदेनी गांव का गेहूं काफी पसंद है.

दाम सही मिलने से किसान खुश:किसानशकूर खान ने बताया कि आम गेहूं से 306 गेहूं के दाम भी दो गुने बड़े होते हैं. उन्चंहोंने बताया कि चंदेनी गांव का गेहूं का स्वाद लोगों को ऐसा भा जाता है कि मेवात में नौकरी करने वाले अधिकारी, कर्मचारी चंडीगढ़ तक भी देसी गेहूं मंगवाते हैं. देसी गेहूं की किस्म को 306 के नाम से जाना जाता है. इस बार तो नहरी पानी चंदेनी गांव के इस गेहूं की फसल को नसीब हुआ है, जिससे अच्छे उत्पादन की आस जगी है.

क्या कहते हैं किसान?: वहीं, किसान नफीस अहमद ने बताया कि देश के कई राज्यों के किसानों को एक ओर जहां उचित भाव के लिए मंडियों का चक्कर काटना पड़ता है वहीं, 306 गेहूं खरीदने के लिए किसान दूर-दूर से चंदेनी गांव आते हैं. खेत में बढ़िया दाम मिल जाता है. इसलिए इस गांव को किसानों को देसी गेहूं की खेती करने में अधिक परेशानी नहीं होती. एक अन्य किसान फकरू अहमद ने बताया कि चंदेनी गांव गेहूं कटने से पहले ही गेहूं खरीदने वालों की भीड़ लग जाती है. बड़ी बात यह है कि घर पर ही मुंह मांगे दाम भी मिलते हैं.

देसी गेहूं की खासियत:किसानों ने बताया कि इस गेहूं कीखास बात यह है कि बिना घी के भी रोटी मुलायम, सफेद, चमकदार रहती है. इस गेहूं की रोटी इतनी मुलायम होती है कि बुजुर्ग व्यक्ति भी आसानी से ठंडी रोटी खा सकता है. किसानों के अनुसार कृषि विशेषज्ञ भी मानते हैं कि चंदेनी के गेहूं का गुणवत्ता और क्वालिटी में कोई मुकाबला नहीं है. बरसात के पानी में पहाड़ों से सल्फर बहकर आता है, जो इस गेहूं की फसल को अन्य जगह से अलग बनाता है.

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