जयपुर :यूरोप के माल्टा में भारतीय दूतावास में कार्यरत अपने पति लोकेश मीणा के साथ रहने वाली धोली मीणा अक्सर अपनी रील्स को लेकर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरती रहती हैं. इस बार उनके घर हुई पार्टी में आए विदेशी मेहमानों को लेकर वह चर्चा में हैं. गुलाबी शहर की बेटी और दौसा की बहू धोली मीणा माल्टा के सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत करने के साथ ही अपने अंदाज को लेकर चर्चा का हिस्सा बन जाती हैं. उन्हें यूरोप में रहकर राजस्थानी और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए जाना जाता है.
इस बार धोली मीणा ने यूरोप में स्नेह-मिलन समारोह आयोजित किया, जिसमें विदेशी लोगों के साथ ही भारतीय समुदाय से भी बढ़ी संख्या में भाग लेने के लिए लोग आए. इस कार्यक्रम में यूरोपीय देश पोलैंड, माल्टा और मध्य अमेरिकी देश पनामा के लोग भी मौजूद थे, जहां डिनर के दौरान राजस्थान का पारंपरिक व्यंजन दाल-बाटी परोसा गया. धोली मीणा ने बताया कि उन्होंने विदेशी महिलाओं को राजस्थान के वीडियो दिखाए, तो वो राजस्थान के बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक दिखीं और उन्होंने राजस्थान की बहुत तारीफ की. साथ ही उन्होंने उनको राजस्थान घूमने के लिए आमंत्रित भी किया.
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर धोली मीणा (Etv Bharat) इसे भी पढ़ें -'पीली लुगड़ी' वाली धोली मीणा ने चलाया दाल बाटी चूरमा का 'जादू', मिस्र की राजदूत भी हो गईं दीवानी - Influencer Dholi meena
विदेशी मेहमानों ने सीखा दाल-बाटी बनाना :धोली मीणा की इस पार्टी में आए विदेशी मेहमान देसी खाने के दीवाने हो गए. यहां तक की कुछ मेहमानों ने फरमाइश कर धोली से दाल और बाटी बनाना सीखा. पनामा की एक महिला को धोली मीणा के कपड़े इतने अच्छे लगे कि उसने धोली मीणा से राजस्थानी घाघरा लुगड़ी मांग कर पहन लिए और पूरे कार्यक्रम में राजस्थानी रंग में नजर आई. धोली मीणा ने बताया कि पोलैंड देश की योगा इंस्ट्रक्टर नतालिया कार्दस्ज भी इस कार्यक्रम में आई थीं. इस दौरान नतालिया को भारतीय व्यंजन खूब रास आए और उन्होंने इसकी जमकर तारीफ भी की. नतालिया ने धोली से बाटी बनाना सीखा और उनका आभार भी व्यक्त किया.
धोली ने साझा किया अनुभव :धोली मीणा ने इस गेट टू गेदर को लेकर अपना अनुभव ईटीवी भारत से साझा किया. उन्होंने बताया कि इस बार की पार्टी में पारंपरिक भोजन परोसने के लिए उन्होंने पहले से तैयारी की थी, जो मेहमानों को काफी रास आई. हालांकि, खाना पारंपरिक तरीके से बने होने के कारण थोड़ा तीखा भी रहा, लेकिन खाने का स्वाद उन्हें काफी पसंद आया. धोली ने इस दौरान प्रवासियों से अपील की, कि वे कहीं भी रहें, अपनी संस्कृति को साथ लेकर चलें, ताकि इसका प्रचार-प्रसार हो सके.