नई दिल्ली:दिल्ली में दशहरा काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. जहां द्वारका में देश का सबसे बड़ा रावण का पुतला बनाया गया है, वहीं मार्केट में भी रावण के पुतलों की मांग बढ़ गई है. इसमें कम साइज वाले रावण के पुतले की डिमांड सबसे अधिक है. पश्चिमी दिल्ली के टैगोर गार्डन और सुभाष नगर के बीच तीतारपुर एरिया आता है, जहां दशहरे से पहले रावण के पुतलों का बाजार सज जाता है. इस बार बाजार में भारी संख्या में रावण के छोटे पुतले भी देखने को मिल रहे हैं, जिन्हें लोग 'छोटा रावण' भी कहते हैं. तीतारपुर रावण के पुतलों के लिए मशहूर है. यहां बने पुतले दिल्ली में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और कई बार तो विदेश तक जाते हैं.
विभिन्न राज्यों में किया जाता है सप्लाई: 30 वर्षों से रावण के पुतले बनाने वाले सचिन ने बताया कि, इस बार छोटे पुतलों की काफी डिमांड बढ़ी है. बच्चों के अंदर रावण दहन का क्रेज बढ़ता जा रहा है. छोटे रावण के पुतला पांच से 10 फुट तक बनाया जाता है. बड़े रावण बनाने के साथ साथ छोटे रावण भी खूब बनाए जा रहे हैं. दशहरे के कई दिन पहले से इनकी बिक्री शुरू होती है.
इन चीजों से बनकर होता है तैयार: एक रावण को तैयार करने में बांस, कागज, गोंद, रंग और कपड़े का इस्तेमाल होता है. सचिन ने बताया कि यह सभी सामान देश के विभिन्न राज्यों से मंगवाया जाता है. इसमें बांस को असम से डीलर के माध्यम से मंगवाया जाता. वहीं पेपर, गोंद और कपड़े राजधानी के थोक मार्केट सदर बाजार से खरीदे जाते हैं.