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14 साल बाद अपने गांव लौटी असम की महिला, इतने सालों तक कहां थी गायब? - JHARSUGUDA MISSION ASHRA

असम की मानसिक रूप से बीमार महिला 14 वर्षों से लापता थी. मिशन अशरा की पहल से अंततः अपने परिवार वालों से मिल सकी.

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मिशन अशरा की पहल. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 19, 2025, 2:50 PM IST

Updated : Jan 19, 2025, 3:06 PM IST

झारसुगुड़ा: ओडिशा के झारसुगुड़ा में 'मिशन अशरा' की अनोखी पहल से 14 सालों से घर से दूर रहने का दर्द और अपनों से बिछड़ने की तड़प खत्म हुई. असम निवासी लक्ष्मी मुनि सरकार को उसका परिवार और गांव फिर से मिल गया. लक्ष्मी के पिता लंबे समय के बाद अपनी बेटी को देखकर काफी खुश थे. बिछड़े रिश्तों के फिर से जुड़ने पर 'मिशन अशरा' के सदस्यों के चेहरे पर भी खुशी और संतोष का भाव था.

कैसे मिली महिलाः करीब 2 साल पहले लक्ष्मी मुनि नामक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला ब्रजराजनगर बुंदिया क्षेत्र में घूमती हुई मिली. ग्रामीणों ने उसे काटापाली स्थित 'मिशन अशरा' में भर्ती कराया. 2 साल की देखभाल, काउंसलिंग और नियमित दवा के बाद महिला ठीक हो गई. उसे अपना घर का पता याद आ गया. उसने बताया कि उसका घर असम के कामपुर जिले में है. इसके बाद 'मिशन अशरा' के कर्मचारियों ने उसके घर के पते की तलाश शुरू की.

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अभार जताती गुमशुदा महिला. (ETV Bharat)

घर का पता कैसा ढूंढाः असम पुलिस की मदद से लक्ष्मी मुनि के पिता को उनकी बेटी के बारे में जानकारी मिली. बेटी की खबर मिलते ही पिता झारसुगुड़ा 'मिशन अशरा' पहुंचे. इतने सालों बाद अपनी बेटी को देखकर वे बेहद खुश हुए. लक्ष्मी मुनि के पिता ने कहा, "14 साल बाद अपनी बेटी को पाकर मैं बहुत खुश हूं. आज मुझे यकीन ही नहीं हो रहा कि मेरी बेटी मुझे फिर से मिल गई है. मैं झारसुगुड़ा प्रशासन और पीपुल्स फोरम के सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं."

ग्रामीणों ने मदद कीः इस अवसर पर झारसुगुड़ा जिला प्रशासन और 'मिशन अशरा' के सदस्य मौजूद थे. पीपुल्स फोरम के पश्चिमी प्रमुख संजय जेठी ने कहा, "असम की लक्ष्मी मुनि 14 साल से लापता थी. लेकिन 2023 में हमारे संगठन और बुंदिया इलाके के कुछ ग्रामीणों ने उसे बचाया और मिशन अशरा में उसका इलाज कराया. काफी समय बाद उसके घर का पता याद आया. हमने असम पुलिस से संपर्क किया."

इसे भी पढ़ेंः संवेदनहीनता : कई दिन से बस स्टेशन के पास पड़ी बुजुर्ग महिला

झारसुगुड़ा: ओडिशा के झारसुगुड़ा में 'मिशन अशरा' की अनोखी पहल से 14 सालों से घर से दूर रहने का दर्द और अपनों से बिछड़ने की तड़प खत्म हुई. असम निवासी लक्ष्मी मुनि सरकार को उसका परिवार और गांव फिर से मिल गया. लक्ष्मी के पिता लंबे समय के बाद अपनी बेटी को देखकर काफी खुश थे. बिछड़े रिश्तों के फिर से जुड़ने पर 'मिशन अशरा' के सदस्यों के चेहरे पर भी खुशी और संतोष का भाव था.

कैसे मिली महिलाः करीब 2 साल पहले लक्ष्मी मुनि नामक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला ब्रजराजनगर बुंदिया क्षेत्र में घूमती हुई मिली. ग्रामीणों ने उसे काटापाली स्थित 'मिशन अशरा' में भर्ती कराया. 2 साल की देखभाल, काउंसलिंग और नियमित दवा के बाद महिला ठीक हो गई. उसे अपना घर का पता याद आ गया. उसने बताया कि उसका घर असम के कामपुर जिले में है. इसके बाद 'मिशन अशरा' के कर्मचारियों ने उसके घर के पते की तलाश शुरू की.

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अभार जताती गुमशुदा महिला. (ETV Bharat)

घर का पता कैसा ढूंढाः असम पुलिस की मदद से लक्ष्मी मुनि के पिता को उनकी बेटी के बारे में जानकारी मिली. बेटी की खबर मिलते ही पिता झारसुगुड़ा 'मिशन अशरा' पहुंचे. इतने सालों बाद अपनी बेटी को देखकर वे बेहद खुश हुए. लक्ष्मी मुनि के पिता ने कहा, "14 साल बाद अपनी बेटी को पाकर मैं बहुत खुश हूं. आज मुझे यकीन ही नहीं हो रहा कि मेरी बेटी मुझे फिर से मिल गई है. मैं झारसुगुड़ा प्रशासन और पीपुल्स फोरम के सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं."

ग्रामीणों ने मदद कीः इस अवसर पर झारसुगुड़ा जिला प्रशासन और 'मिशन अशरा' के सदस्य मौजूद थे. पीपुल्स फोरम के पश्चिमी प्रमुख संजय जेठी ने कहा, "असम की लक्ष्मी मुनि 14 साल से लापता थी. लेकिन 2023 में हमारे संगठन और बुंदिया इलाके के कुछ ग्रामीणों ने उसे बचाया और मिशन अशरा में उसका इलाज कराया. काफी समय बाद उसके घर का पता याद आया. हमने असम पुलिस से संपर्क किया."

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Last Updated : Jan 19, 2025, 3:06 PM IST
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