नई दिल्ली: वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) सामान्य वर्ग के लोगों को दिए गए आरक्षण के सरलीकरण की मांग दिल्ली के विश्वविद्यालयों तक पहुंच गई है. छात्रों का कहना है कि ईडब्ल्यूएस की शर्तों में सरकार ने जो 5 एकड़ जमीन और 1000 वर्ग गज के मकान की शर्त लगा रखी है यह खत्म की जानी चाहिए. इन शर्तों की वजह से सामान्य वर्ग के लोग ईडब्ल्यूएस के आरक्षण का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, जिसकी वजह से उनके साथ अन्याय हो रहा है. छात्रों का कहना है कि जब ओबीसी आरक्षण में इस तरह की कोई शर्त नहीं रखी गई है, तो सामान्य वर्ग के आरक्षण में शर्त क्यों रखी गई है. इसके अलावा छात्रों को उम्र सीमा की शर्त से भी आपत्ति है.
ईडब्ल्यूएस आरक्षण से संबंधित इन समस्याओं को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इन कार्यक्रमों में छात्र ईडब्ल्यूएस की शर्तों से ओबीसी आरक्षण के नियम और शर्तों की तुलना कर अपने साथ भेदभाव होने की बात कर रहे हैं, साथ ही इसे लेकर चिंता भी जता रहे हैं. कार्यक्रमों में छात्रों द्वारा सरकार से इस असमानता को दूर करने की मांग की जा रही है. ईडब्ल्यूएस आरक्षण सरलीकरण कार्यकर्ता शक्ति सिंह बांदीकुई ने विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया और छात्रों से बातचीत की.