नई दिल्ली:जैसे-जैसे सर्दियों का मौसम दिल्ली में दस्तक देता है, वायु प्रदूषण एक बार फिर से एक गंभीर समस्या के रूप में उभर आता है. इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों में प्रदूषण को नियंत्रित करना और छात्रों को इसके प्रति जागरूक करना है.
धूल नियंत्रण के उपाय:दिल्ली के स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने परिसरों के खुले क्षेत्रों में धूल को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव करें. पानी का छिड़काव धूल को कम करने में मदद करेगा, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा. इसके साथ ही, स्कूलों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे छात्रों को पटाखों के नुकसान के प्रति जागरूक करें. ताकि वायु में और अधिक प्रतिकूल तत्वों का समावेश न हो. यह दोनों उपाय न केवल पर्यावरण की रक्षा में योगदान देंगे, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में भी सहायक होंगे.
शीतकालीन कार्य योजना 2024:शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी और निजी स्कूलों को शीतकालीन कार्य योजना 2024 को लागू करना होगा. इस योजना में 18 सूत्री कार्य योजना शामिल है, जिसे वायु प्रदूषण नियंत्रण पर कार्य योजना की श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया (GRAP) के तहत लागू किया जाएगा.
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