नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने राजधानी में नकली/प्रतिबंधित 'जीवन रक्षक' कैंसर दवाओं के बड़े अंतरराज्यीय ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया है. कैंसर व शुगर की नकली दवा बेचने वाले गिरोह का चलाने के आरोप में साइबर सेल ने सीरिया के एक नागरिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. सीरियाई नागरिक इस रैकेट का किंगपिन है. गिरोह के सह आरोपी का नाम नवीन आर्या (40) है, जोकि एलएलबी/एलएलएम व पीएचडी होल्डर है. आरोपी पिछले 4 साल से श्री राम इंटरनेशनल ट्रेडर शॉप का संचालन कर रहा है.
इस गिरोह के पास से पुलिस टीम ने करोड़ों रुपये की नकली दवाइयां भी बरामद की हैं. क्राइम ब्रांच (साइबर सेल) डीसीपी राकेश पावरिया ने बताया, पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए सभी जब्त दवाओं को बिना बिल के एमआर से खरीदा था. साइबर सेल ने उन सभी चार लोगों को अरेस्ट किया, जोकि इन नकली और गैर पंजीकृत दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग से लेकर इनकी सप्लाई आदि में संलिप्तहैं. पुलिस टीम ने भारी मात्रा में करोड़ों रुपये मूल्य की नकली कैंसर रोधी दवाएं/एंटी डायबिटिक इंजेक्शन की दवाएं जब्त की हैं.
डीसीपी के मुताबिक, साइबर सेल के इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह को सूचना मिली थी कि दिल्ली/एनसीआर के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में ब्रांडेड नकली और प्रतिबंधित दवाओं की रिटेल और होल सेल में अवैध तरीके से बिक्री हो रही है. कथित शख्स असली दवा की आड़ में नकली/गैरपंजीकृत दवा की सप्लाई कर निर्दोष लोगों की जान को खतरे में डालने का काम कर रहा है. इसके बाद इस मामले का पर्दाफाश करने के लिए एसीपी/साइबर सेल, अपराध शाखा प्रभात सिन्हा की देखरेख में इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह के नेतृत्व में एसआई गुलशन, एएसआई सत्यपाल, हेड कॉन्स्टेबल रजत, हितेन की एक टीम गठित की गई थी.
इस मामले में 4 अप्रैल, 2024 को मिली जानकारी को पुख्ता करने और आगे की कार्रवाई करने के लिए दिल्ली के ड्रग विभाग के अधिकारियों और संबंधित दवा कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधियों के साथ कॉर्डिनेट किया गया. अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी के लिए टीम को तीन हिस्सों में बांटा गया. सबसे पहले, टीम दिल्ली के लाल किला के पास भागीरथ प्लेस इलाके में पहुंची और मुखबिर की निशानदेही पर टीम ने दिल्ली के भागीरथ पैलेस स्थित मेसर्स श्री राम इंटरनेशनल ट्रेडर्स पर छापा मारा. यहां अन्य व्यापारिक स्टॉक के साथ-साथ विभिन्न इंपोर्टेड की गईं दवाओं का संदिग्ध स्टॉक था पाया गया, जिसकी कीमत करीब 1.5 करोड़ रुपये आंकी गयी, जोकि बिक्री/डिस्ट्रीब्यूशन के लिए रखा हुआ था. नमूने लेने के बाद ड्रग्स इंस्पेक्टर, सीडीएससीओ की तरफ से उपरोक्त स्टॉक को जब्त कर लिया गया. पता चला कि दुकान का मालिक नकली और गैर पंजीकृत जीवनरक्षक दवाएं बेच रहा था.
इसके बाद, दूसरी छापेमारी टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर के अधिकारियों और स्पैन कंसल्टेंसी के प्रतिनिधियों के साथ एक अलग दवा विक्रेता यानी दरियागंज, दिल्ली स्थित टेरी व्हाइट लाइफ केयर पर भी छापेमारी की. दुकान की सरसरी तलाशी के दौरान, बिक्री/वितरण के मकसद से रखे आयतित बड़ी दवाओं के स्टॉक को पाया जिसकी कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये आंकी गई. टेरी व्हाइट लाइफ केयर अवैध रूप से नकली और अपंजीकृत जीवनरक्षक दवाएं भी बेच रहा था. बरामद/जब्त दवा उत्पाद आयातित है और भारत में बिक्री और वितरण दोनों के लिए अधिकृत नहीं हैं. इस मामले में आईपीसी की धाराओं और कॉपीराइट अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है.