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आशा किरण शेल्टर होम मामला: AAP ने LG और केंद्र सरकार पर भ्रष्ट अफसर की नियुक्ति का लगाया आरोप - Asha Kiran Shelter Home Case

दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम को लेकर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एक भ्रष्ट अधिकारी को शेल्टर होम प्रशासक की नियुक्ति की गई थी.

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स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 3, 2024, 7:43 PM IST

Updated : Aug 4, 2024, 9:37 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के आशा किरण शेल्टर होम में हुई 14 लोगों की मौत के मामले में दिल्ली सरकार की ने एलजी और केंद्र सरकार पर हमला बोला है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार और एलजी पर एक भ्रष्ट अधिकारी की नियुक्ति का आरोप लगाया है. उन्होंने एलजी से पूछा कि आखिर किस आधार पर उन्होंने साल 2016 में एसडीएम रहते हुए 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए सीबीआई द्वारा गिरफ्तार दानिक्स अधिकारी राहुल अग्रवाल को शेल्टर होम का प्रशासक नियुक्त कर दिया.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2016 में सस्पेंड होने के बाद यह अधिकारी 5 साल तक सस्पेंड रहा. इनकी नियुक्ति का आखिर क्या आधार था? उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने हमसे ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार छीना हुआ है. इसलिए हम किसी अधिकारी की ट्रांसफर या पोस्टिंग नहीं कर सकते. लेकिन ट्रांसफर और पोस्टिंग हर सरकार का एक अहम काम होता है. कौन अधिकारी कैसा है इसके बारे में भी सरकार को जानकारी होती है और उसी के अनुसार सरकार उनका ट्रांसफर पोस्टिंग करती है.

भारद्वाज ने कहा कि जिन अधिकारियों के बारे में यह पता होता है कि वह भ्रष्ट हैं तो उनको इस तरह के विभाग नहीं दिए जाते हैं, जिसमें वह ज्यादा भ्रष्टाचार कर सकें. सबको पता है कि उस शेल्टर होम में जो लोग रह रहे थे वह मानसिक रूप से विक्षिप्त थे. वह अपना ख्याल खुद रखने में सक्षम नहीं थे. ऐसे मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों की देखभाल करना शेल्टर होम के प्रशासक की जिम्मेदारी होती है, लेकिन जिस तरह से शेल्टर होम में 14 लोगों की मौत हुई है उससे यह साफ है कि वहां पर उनका ख्याल नहीं रखा जा रहा था. उन लोगों को ना तो खाना दिया जा रहा था, ना बीमार होने पर उनका इलाज कराया जा रहा था और ना ही अन्य कोई सुविधा उनको मिल रही थी. जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैं यह भी जानना चाहता हूं कि अभी तक समाज कल्याण विभाग के सेक्रेटरी को क्यों सस्पेंड नहीं किया गया. विभाग के सेक्रेटरी की यह जिम्मेदारी होती है वो जाकर अपने विभाग से संबंधित जगह का दौरा करे. वहां जाकर देखें कि सभी चीज ठीक से चल रही है या नहीं. मुझे अधिकारियों से जानकारी मिली है कि शेल्टर होम के प्रशासक का पद एक मलाईदार पद है. जिस पर रहकर अधिकारी के पास अच्छी कमाई करने का मौका होता है. इस शेल्टर होम में 900 लोगों को रखा गया था. इसलिए उनके रहने खाने के लिए उनके इलाज के लिए दवाइयां आदि के टेंडर भी प्रशासक को ही करने होते हैं, जिसमें वह आसानी से कमाई कर सकता है. इतनी जानकारी होने के बावजूद एक भ्रष्ट अफसर को शेल्टर होम का प्रशासक नियुक्त कर देना कहां तक जायज है.

आशा किरण मामले पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने LG से तीन सवाल पूछे हैं-

1. सब जानते हुए भी उपराज्यपाल ने राहुल अग्रवाल जैसे भ्रष्ट अधिकारी को इस आशा किरण आश्रय गृह की ज़िम्मेदारी क्यों दी?

2. अभी तक भ्रष्ट अधिकारी राहुल अग्रवाल और विभाग के सचिव तावले पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया?

3. एलजी साहब जनता के सामने रखे कि विजिलेंस ने राहुल अग्रवाल को लेकर क्या रिपोर्ट दी थी?

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Last Updated : Aug 4, 2024, 9:37 AM IST

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