दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

यौन उत्पीड़न मामले में प्रेमोदय खाखा की याचिका खारिज, डिफॉल्ट जमानत देने से हाईकोर्ट का इनकार - डिफ़ॉल्ट जमानत देने से इनकार

Khakha 'default bail'rejected: दिल्ली हाईकोर्ट ने निलंबित दिल्ली सरकार के अधिकारी प्रेमोदय खाखा की डिफॉल्ट जमानत याचिका खारिज कर दी है. खाखा पर नाबालिग लड़की से कई बार बलात्कार करने और गर्भवती करने का आरोप है.

नाबालिग यौन उत्पीड़न मामले में प्रेमोदय खाखा की याचिका खारिज
नाबालिग यौन उत्पीड़न मामले में प्रेमोदय खाखा की याचिका खारिज

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 26, 2024, 5:22 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को निलंबित दिल्ली सरकार के अधिकारी प्रेमोदय खाखा को “डिफ़ॉल्ट जमानत” देने से इनकार कर दिया. इस पर कथित तौर पर एक नाबालिग लड़की से कई बार बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने का आरोप है. खाखा ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश की आलोचना की, जिसमें उन्हें वैधानिक जमानत से राहत देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने तर्क दिया था कि मामले में दायर आरोप पत्र अधूरी जांच पर आधारित था. उनकी पत्नी ने भी मामले में हाईकोर्ट के समक्ष डिफॉल्ट जमानत देने की मांग की और उनकी याचिका पर भी इसी तरह का आदेश पारित करते हुए याचिका खारिज कर दी गई.

जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने कहा कि निचली अदालत के आदेश में कोई खामी नहीं है और निर्धारित समय के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने से पहले पुलिस द्वारा पर्याप्त जांच की गई थी. अदालत ने कहा, “चार्जशीट 11 अक्टूबर, 2023 को दायर की गई थी. 9 नवंबर, 2023 को तीस हजारी कोर्ट ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया. इसके बाद उन्होंने जमानत याचिका दायर की. जिन आवेदनों को अदालत ने खारिज कर दिया था. दंड प्रक्रिया संहिता के अनुसार, यदि जांच एजेंसी निर्धारित समय के भीतर संबंधित अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रहती है, तो एक आरोपी डिफॉल्ट जमानत का हकदार है. समय सीमा लागू किए गए अपराधों पर निर्भर करती है और इस मामले में 60 दिन का समय था.

ये भी पढ़ें :पद और पावर का दुरुपयोग कर पहले भी राजधानी को शर्मसार करते रहे हैं सरकारी अधिकारी

बता दें, खाखा पर आरोप था कि नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच उसने अपने दोस्त की नाबालिग बेटी का कई महीनों तक यौन उत्पीड़न किया और उसे गर्भवती कर दिया. जो दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग के उप निदेशक थे. उन्हें बाद में निलंबित कर दिया गया था. खाखा पर बिना सहमति, आपराधिक साजिश, सामान्य इरादे और पोक्सो अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था.

ये भी पढ़ें :दिल्ली सरकार के अधिकारी ने दोस्त की नाबालिग बेटी से किया महीनों तक रेप, केस दर्ज

ABOUT THE AUTHOR

...view details