नई दिल्ली:दिल्ली की खूबसूरत और ऐतिहासिक चांदनी चौक क्षेत्र, जो देश की संस्कृति और विरासत का एक अभिन्न अंग है, अब अवैध गतिविधियों और प्रशासनिक लापरवाही का शिकार बनता जा रहा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना के संबंध में गंभीर चिंता व्यक्त की है, जिसने न केवल क्षेत्र की महत्ता को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के लिए भी समस्याएं उत्पन्न कर रहा है.
चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस क्षेत्र की स्थिति का गंभीरता से अवलोकन किया और कहा कि "इलाके में सब कुछ टूटा हुआ है और हर जगह गंदगी और कचरा पड़ा हुआ है, ये काफी दुखद है." कोर्ट की इस टिप्पणी ने प्रशासन पर एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि जब सरकार द्वारा इतनी बड़ी राशि का निवेश किया गया है, तो इसका वास्तविक उद्देश्य क्या है?
सुनवाई के दौरान, अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि स्थिति का अध्ययन करने के बाद यह स्पष्ट होता है कि स्थानीय अधिकारी अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए नाकाम साबित हुए हैं. कोर्ट ने कहा, "लोग जुआ खेल रहे हैं, और पुलिस इस संदर्भ में कोई कदम नहीं उठा रही है." इससे यह सिद्ध होता है कि जब स्थानीय एजेंसियां अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं करतीं, तो कानून-व्यवस्था में गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं.