नई दिल्ली: दिल्ली में लागू इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को कई बार बढ़ाया जा चुका है. यहां बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को सब्सिडी भी नहीं मिली है. अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद आतिशी ने अपने मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिसके बाद कैबिनेट मंत्री रुके हुए कामों को गति देने की बात कह रहे हैं.
इसी कड़ी में दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि ईवी पॉलिसी 2.0 को तैयार करने में अभी करीब डेढ़ माह का वक्त लगेगा, लेकिन इससे पहले पुरानी ईवी पॉलिसी को बढ़ाने का प्रस्ताव बहुत जल्द कैबिनेट के सामने लाया जाएगा. इस पर काम चल रहा है. साथ ही ऐसे लोग, जिनको इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सब्सिडी नहीं मिली है, उन्हें भी सब्सिडी दी जाएगी.
दरअसल, 7 अगस्त, 2020 को दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की गई थी. सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी दी जा रही थी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदें. जानकारी के मुताबिक, 31 अगस्त, 2024 तक कुल 3,16,334 इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं. दिल्ली सरकार खुद करीब 2 हजार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कर रही है.
179 करोड़ रुपये की दी गई सब्सिडी:अभी तक दिल्ली सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को 179 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में दिए जा चुके हैं. हालांकि, जनवरी से दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोगों को सब्सिडी नहीं मिल रही है. परिवहन विभाग से सेवानिवृत्त डिप्टी कमिश्नर अनिल छिकारा ने बताया कि इसी साल उन्होंने भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा लेकिन उन्हें अभी तक सब्सिडी नहीं मिली. सब्सिडी न मिलने से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों का मनोबल गिरेगा. साथ ही दिल्ली में जगह जगह लगाए गए चार्जिंग स्टेशन खराब हो रहे हैं. ऐसे में लोग घर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर निकलते हैं तो उन्हें डर लगता है कि रास्ते में चार्जिंग व्यवस्था न मिलने पर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
खराब हो रहे चार्जिंग प्वाइंट्स:दिल्ली में जगह-जगह इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए विभिन्न निजी संस्थाओं की ओर से चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए हैं. इन चार्जिंग प्वाइंट की देखरेख करने के लिए दिल्ली सरकारी की तरफ से सब्सिडी दी जाती है. लेकिन चार्जिंग प्वाइंट के संचालकों को भी सब्सिडी न मिलने से वह परेशान हैं. हालत यह है कि जगह जगह बने चार्जिंग प्वाइंट सिर्फ शोपीस बने हुए हैं. राज्य सरकार की ओर से दावा किया जाता है कि दिल्ली में कुल 4,793 चार्जिंग पॉइंट्स, 31,000 चार्जिंग स्टेशन और 318 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाए गए हैं.