नई दिल्ली:कनाडा में जॉब दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक महिला को गिरफ्तार किया है.
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को भारत के अलग-अलग शहरों और नेपाल के पीड़ितों की तरफ से कनाडा में जॉब दिलाने के नाम पर ठगी करने की 53 कंप्लेंट मिली थी. इन कंप्लेंट्स पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध शाखा ने रैकेट की मास्टरमाइंड एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है. ये रैकेट अब तक 150 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है. पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने नौकरी लगाने के नाम पर करीब 4 से 5 करोड़ रुपये लोगों से ठगे हैं.
नेपाल के लोगों से भी की थी ठगी
आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी विक्रम के. पोरवाल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से 23 पीड़ितों की ओर से कनाडा में जॉब दिलाने के नाम पर ठगी करने की ज्वाइंट कंप्लेट मिली थी. इसके बाद 29 नेपाल मूल के पीड़ितों की भी एक ज्वाइंट शिकायत मिली. इसमें एक महिला की तरफ से धोखाधड़ी किए जाने के गंभीर आरोप लगाए गए थे. अब पुलिस ने उक्त अपराध कराने वाली महिला और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर ली है. महिला की पहचान दीपिका (बदला हुआ नाम) के रूप में की गई. उस पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को फंसाकर धोखाधड़ी करने के आरोप लगे हैं. इस धोखाधड़ी से करीब 4 से 5 करोड़ रुपए की ठगी करने का अनुमान लगाया गया है. धोखाधड़ी की शिकायतें मिलने के बाद मार्च, 2024 में ईओडब्ल्यू थाना, नई दिल्ली में आईपीसी की धारा 420/120 (बी) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई थी.
डीसीपी पोरवाल ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों को पकड़ने के लिए टेक्नीकल सर्विलांस से लेकर मुखबिरों को अलर्ट किया गया. मुखबिरों से सूचना मिली कि दिल्ली ऑफिस को बंद करने के बाद आरोपियों ने चंडीगढ़ में नया ऑफिस, नए नाम से खोला है और वहां पर ठगी का गोरखधंधा शुरू किया गया है. इसके बाद डीसीपी (EOW) ईओडब्ल्यू विक्रम के. पोरवाल की पूरी निगरानी में एसीपी ईओडब्ल्यू घनश्याम की देखरेख में आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम का गठन किया गया. इंस्पेक्टर योगराज के नेतृत्व में गठित टीम में सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार, सब इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, महिला कॉन्स्टेबल फोरंती और ललतेश शामिल की गईं. टीम ने इस रैकेट की मास्टरमाइंड आरोपी महिला दीपिका को पंजाब के जीरकपुर स्थित उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया. परिसर में तलाशी लेने पर 02 लैपटॉप, 10 से ज्यादा मोबाइल फोन और 03 पासपोर्ट के साथ अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.
ऐसे काम करता था ये रैकेट
फर्जी जॉब रैकेट चलाने वाली आरोपी महिला और उसके साथी अपना कनाडा में कनेक्शन बताते थे और वहां नौकरी करने की इच्छा रखने वालों को फंसाने का काम किया करते थे. झूठा वादा कर और आकर्षक जॉब का लालच देकर पीड़ितों को अपने जाल में फंसाते थे. रोजगार के बेहतर अवसर को देखकर पीड़ितों ने बिना कुछ सोचे समझे आरोपियों को बड़ी मात्रा में पेमेंट भी कर दी थी.