नई दिल्ली: दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और रखरखाव को लेकर आज 27 औद्योगिक क्षेत्रों के फैक्ट्री मालिकों की एसोसिएशन ने मंत्री सौरभ भारद्वाज से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान मंत्री सौरभ भारद्वाज और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
27 इंडस्ट्रियल एरिया के विकास के लिए स्कीम
व्यापारिक संगठनों से बात करते हुए उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि दिल्ली सरकार 27 अनप्लान्ड इंडस्ट्रियल एरिया के विकास और रखरखाव को लेकर बेहद गंभीर है, और पिछले लंबे समय से व्यापारिक संगठनों के साथ मिलकर इन क्षेत्रों के विकास के लिए काम कर रही है और इन क्षेत्र के कायाकल्प को लेकर एक स्कीम लेकर आई है.
MCD नक्शे पास करने में फीस कम किये जाने का अनुरोध
इस स्कीम के तहत औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए जो भी लेआउट प्लान में खर्च होगा, उस खर्च का 90 फीसद हिस्सा दिल्ली सरकार खर्च कर रही है और 10 फीसद हिस्सा फैक्ट्री मालिक वहन कर रहे हैं , ताकि विकास कार्य में सरकार के साथ साथ औद्योगिक क्षेत्र के व्यापारिक संगठनों की भी जिम्मेदारी तय हो सके. मीटिंग में शामिल व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बैठक के दौरान उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज से कहा, कि दिल्ली में 29 ऑथोराइज्ड इंडस्ट्रियल एरिया हैं, जबकि 27 अनप्लान्ड इंडस्ट्रियल एरिया हैं, बृजेश गोयल ने मीटिंग के दौरान उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज से सभी व्यापारिक संगठनों की ओर से अनुरोध करते हुए कहा, कि दिल्ली में 27 अनप्लान्ड इंडस्ट्रियल एरिया हैं, और यहां के सभी फैक्ट्री मालिकों की दिल्ली सरकार से गुजारिश है, कि एमसीडी में जो नक्शे पास कराए जाएंगे, उसकी फीस काफी ज्यादा है, तो सभी व्यापरियों का आप से अनुरोध है, कि एमसीडी नक्शे पास कराने का खर्च भी स्कीम के अनुसार ही होना चाहिए.
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने व्यापियों की मांग पर सहमति जताई
व्यापारियों की इस मांग पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सहमति जताई और अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकार की स्कीम के अनुसार ही नक्शे पास करने की फीस को लेकर पालिसी पर विचार हो. मीटिंग में शामिल दिल्ली मैन्यूफैक्चरिंग फेडरेशन के अध्यक्ष विजय विरमानी ने दिल्ली सरकार की स्कीम का स्वागत करते हुए कहा, कि डाबड़ी, ख्याला, हस्तसाल, नंगली सकरावती, नवादा, पीरागढ़ी, रिठाला, मंडोली, हैदरपुर, करावल नगर, शालामार गांव, समयपुर बादली, लिबासपुर, टीकरी कलां आदि औद्योगिक क्षेत्रों में छोटी छोटी फैक्ट्रियां हैं और इन क्षेत्रों में मध्यम वर्गीय व्यापारी अपना व्यापार चलाते हैं. इन औद्योगिक क्षेत्र में लाखों की संख्या में लोग काम करते हैं. इन छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्र से लाखों लोगों का परिवार चलता है. उन्होंने कहा कि इन औद्योगिक क्षेत्र के कायाकल्प होने से न केवल व्यापारी वर्ग को ही लाभ होगा, बल्कि इन क्षेत्रों में उद्योगों को और अधिक बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, साथ ही साथ दिल्ली की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा.
ये भी पढ़ें-पीडब्ल्यूडी विभाग ने अधिकारियों को सरकारी आवास के दुरुपयोग की जांच करने का दिया आदेश
ये भी पढ़ें-हेल्थ सेक्रेटरी के आश्वासन देने के बाद जीटीबी अस्पताल में डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल