देहरादूनः उत्तराखंड में इन दोनों सूखी ठंड पड़ रही है. जिसके चलते अस्पतालों में सीजनल बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र ने 8 यानि आज और 9 दिसंबर को प्रदेश के तमाम हिस्सों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. मौसम विभाग की ओर से बारिश के साथ ही ठंड बढ़ने की चेतावनी पर मुख्यमंत्री धामी ने सभी डीएम को रैन बसेरों में पर्याप्त व्यवस्थाएं करने के साथ ही जरूरतमंद लोगों को रजाई, कंबल बांटने के निर्देश दिए हैं.
उत्तराखंड में नवंबर माह में बारिश ना के बराबर हुई. जबकि दिसंबर माह का शुरुआती हफ्ता बीच चुका है. लेकिन अभी तक बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है. जिसके चलते प्रदेश के मैदानी क्षेत्र से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में सूखी ठंड पड़ रही है. हालांकि, मौसम विभाग ने अगले दो दिन प्रदेश के तमाम हिस्सों में बारिश और उच्च हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी की संभावना जताई है. लेकिन अभी तक बारिश और बर्फबारी ना होने के चलते प्रदेश के अस्पतालों में सर्दी-जुकाम समेत सीजनल बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
रैनबसेरे की सुविधा: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि तहसील स्तर पर ठंड से बचाव के लिए व्यवस्थाएं कर ली जाए. जरूरत के अनुसार रैन बसेरे शुरू करने के साथ ही रैनबसेरों में आवासहीन लोगों और परिवारों को शिफ्ट किया जाए. खासकर बच्चों, महिलाओं और बीमार लोगों को तत्काल रैनबसेरा की सुविधा दी जाए.
कंबल वितरण और अलाव जलाने के निर्देश: सीएम ने रजाई और कंबल भी वितरित करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करने को कहा है. प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी से निचले स्थानों पर भी ठंड बढ़ने के चलते जिला प्रशासन अपने स्तर से सावधानी बरतते हुए, जरूरतमंद लोगों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएं.
सूखी ठंड के शिकार हो रहे लोग: उत्तराखंड के साथ ही पूरे उत्तर भारत में बारिश न होने की वजह से प्रदेश में सूखी ठंड के साथ ही प्रदूषण का बढ़ता ग्राफ आम जनता को परेशान कर रहा है. दून अस्पताल के चिकित्सक डॉ अमित कुमार ने बताया कि सूखी ठंड की वजह से सांस संबंधित समस्या, सर्दी जुकाम और बुखार के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. दिन में तेज धूप हो रही है. जबकि शाम होते-होते ठंड काफी अधिक बढ़ जा रही है. मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या लगभग हर घर में देखी जा रही है. जिसकी वजह से अस्पतालों में मरीजों की तादाद आम दिनों के मुकाबले दोगुना हो गई है.