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देहरादून में लॉ स्टूडेंट की मौत, यूनिवर्सिटी प्रशासन, वार्डन के खिलाफ मुकदमा दर्ज, जानें पूरा मामला - DEHRADUN LLB STUDENT DEATH CASE

देहरादून में एलएलबी छात्र की मौत मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन और वार्डन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

DEHRADUN LLB STUDENT DEATH CASE
LLB स्टूडेंट डेथ केस में विश्वविद्यालय प्रशासन और वार्डन के खिलाफ मुकदमा दर्ज. (FILE PHOTO)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 16, 2025, 5:46 PM IST

Updated : Jan 16, 2025, 6:18 PM IST

देहरादूनःथाना प्रेमनगर क्षेत्र के अंतर्गत एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में मृतक के पिता की तहरीर के आधार पर विश्वविद्यालय प्रशासन, हॉस्टल वार्डन और एक अन्य के खिलाफ थाना प्रेमनगर में मुकदमा दर्ज किया गया है. पिता का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है और विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना को छिपाने के लिए इसे सड़क हादसा दर्शाने का प्रयास किया है.

ओमप्रकाश सिंह (निवासी पुलिस लाइन, थाना रामपुर जिला गया, बिहार) ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनका बेटा सत्यप्रकाश प्रेम नगर स्थित एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में ही रहकर BA LLB की पढ़ाई कर रहा था. साल 2024 में बेटे का एडमिशन करवाया था. बीते 15 दिसंबर की सुबह करीब 4 बजे उनके बेटे के मोबाइल नंबर से युवराज नाम के व्यक्ति ने फोन किया. उसने बताया कि सत्यप्रकाश की हालत बहुत खराब है और वो दून अस्पताल में भर्ती है. व्यक्ति ने तुरंत देहरादून पहुंचने के लिए कहा.

ओमप्रकाश ने युवराज से कहा, आप इलाज करवाओ और अपना मोबाइल नंबर दो, इलाज के लिए रुपए भेज रहे हैं. इसके बाद ओमप्रकाश ने हॉस्टल वार्डन को फोन किया कि बेटे से बात कराने के लिए कहा. जिस पर वार्डन ने बेटे के हॉस्टल में सोने की बात कही. ओमप्रकाश ने बताया कि उन्होंने बार-बार बेटे का हाल जानने के लिए वार्डन को कॉल किया. लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला.

इसके बाद दूसरे मोबाइल नंबर से फिर फोन आया और फोन करने वाले ने बेटे के गंभीर होने की बात कही. लेकिन फिर भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई. इसके बाद 15 दिसंबर की सुबह हॉस्टल वार्डन का फोन आया और बताया कि आपके बच्चे की तबीयत बहुत खराब है. वो दून अस्पताल में भर्ती है. इसके कुछ घंटे बाद उन्हें सूचना मिली कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है.

पीड़ित ओमप्रकाश ने बताया कि एडमिशन के समय कॉलेज प्रशासन ने उनसे कहा था कि हॉस्टल में रहने वाले छात्र सुरक्षित रहते हैं. बिना परिवार की अनुमति के उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जाता है. जबकि 9 दिसंबर को सत्यप्रकाश एक दिन का आउट पास पर दोस्त को डॉक्टर को दिखाने की बात कहकर बाहर गया था. इस बात की जानकारी हॉस्टल की तरफ से परिवार को दी गई थी. लेकिन 14 दिसंबर की रात सत्यप्रकाश की मृत्यु सड़क हादसे में हुई तो उसके हॉस्टल से 6 दिन बाहर रहने की सूचना परिवार को क्यों नहीं दी गई. पीड़ित ने आरोप लगाया कि छुट्टी की एक दिन की एप्लीकेशन में छेड़छाड़ करके इसे 6 दिन दर्शाया गया है.

मृतक के पिता ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि बेटे की मौत को संदिग्ध देखते हुए कई बार पुलिस प्रशासन से डॉक्टर के पैनल से पोस्टमॉर्टम करवाने की गुहार लगाई, लेकिन पैनल से पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण लीवर में चोट बताया जा रहा है. जबकि बेटे के शरीर पर एक भी चोट का निशान नहीं था. यदि सड़क हादसा होता तो शरीर के अन्य हिस्से में भी चोट के निशान होने चाहिए थे.

वहीं, थाना प्रेमनगर प्रभारी गिरीश नेगी ने बताया कि पीड़ित ओमप्रकाश सिंह की तहरीर के आधार पर फोन करने वाले युवक युवराज, विश्वविद्यालय प्रशासन और हॉस्टल वार्डन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.

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Last Updated : Jan 16, 2025, 6:18 PM IST

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