लखनऊः कहते हैं अगर आप में कुछ कर गुजरने का हौसला है तो मुश्किलें बाधा नहीं बनती हैं. इसे लखनऊ की दसवीं की छात्रा दीपाली कनौजिया ने साबित करके दिखाया है. दीपाली देश भर में आयोजित हुई इंटरनेशनल लेवल प्रतियोगिता में टॉप 30 में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही हैं. 30 सदस्य छात्राओं के दल में वह उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. जानिए दीपाली की संघर्ष गाथा.
दीपाली कनौजिया लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में एक कमरे के मकान में अपने माता-पिता और भाई बहन के साथ रहती हैं. उनके पिता धोबी का काम करते थे और बीते कुछ समय से दोनों पैरों की प्लेटलेट खराब होने से वह चल पाने में सक्षम नहीं हैं. उनकी मां और दो बहनों ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठा रखी है. अपनी बहनों को रोल मॉडल मानने वाली दीपाली ने भी उन्हीं की तरह ही अपने सभी मुश्किलों को पीछे छोड़ते हुए अपने हुनर के दम पर इंटरनेशनल लेवल पर यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में शामिल होने के लिए स्कॉलरशिप हासिल की है.
कड़ी मेहनत से पाई सफलता:दीपाली कनौजिया ने बताया कि वह मौजूदा समय में गोमती नगर के स्टडी हॉल पब्लिक स्कूल में कक्षा दसवीं की छात्रा हैं. बताया कि कक्षा 9 में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेटस कैनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी प्रोग्राम के बारे में पता चला. इसके बाद उन्होंने इस प्रोग्राम के लिए आवेदन किया. जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के अलावा कई देशों के बच्चे हिस्सा लेते हैं. दीपाली ने बताया कि इस परीक्षा के आवेदन करने के बाद इसमें कई लेवल पर उनका टेस्ट लिया गया. जिसमें ग्रुप डिस्कशन के अलावा निबंध लेख और कई तरह के एग्जाम्स उन्हें क्लियर करने पड़े. इसके बाद 1 साल तक अमेरिका में रहकर विभिन्न देशों के रहन-सहन, खानपान, सभ्यता-संस्कृति के बारे में सीखने और जानने का मौका मिलेगा. दीपाली ने बताया कि उनका चयन जब देशभर के 30 छात्रों के दल में हुआ, जो इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका जाएगा तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि वह इस पूरे प्रोग्राम को एक चैलेंज के तौर पर ले रही हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए इसके अनुभव का प्रयोग करेंगी.