नई दिल्ली:अदालत ने RAU’S IAS स्टडी सर्कल में जलसैलाब से हुई तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. तीस हजारी कोर्ट के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट विनोद कुमार ने कल यानि 31 जुलाई को फैसला सुनाने का आदेश दिया.
कोर्ट ने थार चालक मनुज कथुरिया और कोचिंग के सह-मालिकों तेजिंदर सिंह, परविंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. सुनवाई के दौरान थार चालक की ओर से पेश वकील राकेश मल्होत्रा ने कहा कि उसने जानबूझकर गेट नहीं तोड़ा. घटना के समय थार की स्पीड 15 किलोमीटर प्रति घंटा की थी. उन्होंने कहा कि जल-जमाव वाले क्षेत्र में गाड़ी चलाना कठिन काम होता है. जलजमाव को रोकने के लिए नगर निगम है.
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उन्होंने कहा कि जलजमाव रोकने के लिए न तो नगर निगम ने कोई काम किया और न ही दिल्ली जल बोर्ड ने. कहा कि इस मामले में ट्रैफिक इंस्पेक्टर, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. रोड पर भी कोई रोक नहीं थी. पानी ढाई फीट ऊपर से आ रहा था. कोचिंग के चार सह-मालिकों की ओर से पेश वकील अमित चड्डा ने कहा कि कोचिंग में लाइब्रेरी चलाना कोर्ट की लाइब्रेरी से अलग होता है, जहां किताबें नियत जगह पर रखी होती हैं. कोचिंग के लाइब्रेरी का इस्तेमाल क्लासेज के बीच में होता है. इसका दूसरे काम के लिए दुरुपयोग नहीं होता है.