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कानपुर चिड़ियाघर में 11 साल के बूढ़े तेंदुए ने ली अंतिम सांस, बाघ प्रशांत ने भी दुनिया को कहा अलविदा

Kanpur Zoological Park: कानपुर जू में छाया मातम. दोनों वन्य जीव औसत आयु पूरी कर चुके थे.

Kanpur Zoological Park.
कानपुर चिड़ियाघर. (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 14, 2024, 11:20 AM IST

कानपुर: शहर के कानपुर जू में इन दिनों मातम छाया है। बुधवार को जहां चिड़ियाघर में बूढ़े तेंदुआ (17 साल) श्याम ने दम तोड़ दिया था. वहीं, गुरुवार सुबह जू से फिर एक दु:खभरी खबर सामने आई और जू के सबसे उम्रदराज वन्यजीव बाघ प्रशांत ने दुनिया को अलविदा कह दिया. कानपुर जू के प्रशासनिक अफसरों का कहना है, दोनों ही वन्यजीव अपनी औसत उम्र पूरी कर चुके थे और पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. हालांकि, शहर के वन्यजीव प्रेमी दो दिनों के अंदर दो वन्यजीवों की मौत को लेकर कई सवाल भी उठा रहे हैं. कानपुर जू के रेंज अफसर नावेद इकराम ने बताया, श्याम को जहां बुधवार देर शाम ही जू परिसर में जला दिया गया था, वहीं प्रशांत का अंतिम संस्कार गुरुवार को अस्पताल परिसर में किया जाएगा. तेंदुआ श्याम के विसरा को जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया है.

2013 में तेंदुआ और 2009 में प्रशांत पहुंचा था जू: कानपुर जू के रेंज अफसर नावेद इकराम ने बताया तेंदुआ श्याम को नवंबर 2013 में बहराइच से रेस्क्यू कर कानपुर जू लाया गया था. उस समय तेंदुआ श्याम की उम्र केवल छह साल थी. इसके बाद लगभग 11 सालों तक श्याम कानपुर जू में रहा. वहीं, बाघ प्रशांत को पांच साल की उम्र में फर्रुखाबाद से रेस्क्यू कर यहां लाया गया था. मौजूदा समय में प्रशांत की उम्र 19 साल थी. प्रशांत को मैनहिटर कहा जाता था. उसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया था. प्रशांत के सारे दांत टूट गए थे और उसे खाना खाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। जबकि तेंदुआ श्याम पिछले पैरों से चलने में पूरी तरह से असमर्थ था। दोनों ही वन्यजीवों के बीमार होने से उनकी मौत बताई गई है.

ऐसा तो मौसम में नहीं आया बदलाव: शहर में पिछले दो दिनों से अचानक मौसम का यू-टर्न रात में देखने को मिल रहा है. सीएसए के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है, पिछले दो दिनों में रात में बहुत अधिक ठंड पड़ी है. ऐसे माना जा रहा है कि दोनों वन्यजीवों को मौसम भी नुकसान कर गया. हालांकि, अब विसरा जांच रिपोर्ट के बाद ही वन्यजीवों की मौत का सटीक कारण सामने आ सकेगा.



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