रायपुर :छत्तीसगढ़ राज्य के जनक स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है.छत्तीसगढ़ राज्य के दिग्गज नेताओं ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया. वहीं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर राज्यपाल रमेन डेका ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
छोटे बड़ों का करते थे सम्मान :राज्यपाल रमेन डेका ने कहा किवाजपेयी विराट व्यक्तित्व, महान वक्ता, जननायक होने के साथ-साथ अजातशत्रु थे जिनका सभी दलों के लोग बराबर सम्मान करते थे. इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने वाजपेयी से जुड़ी स्मृतियों को साझा किया.इस दौरान कहा कि वे छोटे-बड़े सभी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखते थे और सम्मान करते थे. इस दौरान डेका ने 1978-79 में उनके असम दौरे के संबंध में स्मृतियां साझा की.राज्यपाल ने अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल को अभूतपूर्व बताया.
राज्यपाल ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद (ETV Bharat Chhattisgarh) '' विदेश एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का मजबूती से पक्ष रखकर उन्होंने देश का मान बढ़ाया.भारत को जब कमजोर देश समझा जाता था, तब पोखरण में परमाणु परीक्षण कर उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश घोषित किया. इस कदम से उन्होंने भारत को विश्व में एक सुदृढ़ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया.'' रमेन डेका,राज्यपाल
डॉ रमन सिंह,विधानसभा अध्यक्ष :छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता और नव भारत की दिशा निर्धारित करने वाले मेरे राजनीतिक गुरु परम् श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। अटल जी ने अपने नेतृत्व में भारत के सशक्तिकरण से राष्ट्र को समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ाया, उनके वक्तव्य और माँ भारती के प्रति उनकी निष्ठा सदियों तक राजनीति के क्षेत्र में आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी.
विष्णुदेव साय,सीएम छग :छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि.
विजय शर्मा,डिप्टी सीएम :पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, हमारे प्रेरणा स्रोत श्रेद्धय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि कोटि नमन.
अरुण साव, डिप्टी सीएम :"मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरुं" नए भारत के शिल्पी और सुशासन के प्रणेता,भारत रत्न,प्रखर राजनेता, कुशल वक्ता,और भारतीय जनता पार्टी के पितामह परम् श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि वंदन.
श्यामबिहारी जायसवाल, स्वास्थ्यमंत्री :पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें स्मरण करते हुए नमन करता हूँ। देश को विकास और सुशासन का मंत्र देने वाले अटलजी का पूरा जीवन उनके व्यक्तित्व की गहराई और कृतित्व की ऊँचाई का प्रतिबिम्ब है.
स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की मुख्य बातें :
- उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-जन का आदमी कहा जाता है.
- भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें 23 दिनों तक जेल में गुजारना पड़ा था.
- संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देने वाले अटल बिहारी वाजपेयी पहले भारतीय राजनेता थे.
- उन्होंने चार राज्य- उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, नई दिल्ली और गुजरात के 6 संसदीय क्षेत्रों में जीत हासिल की थी.
- वे 47 साल तक संसद सदस्य रहे. इनमें 11 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा के सदस्य रहे.
- वे भाजपा के पहले नेता थे जो देश के प्रधानमंत्री बने थे.
- भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें तीन कार्यकाल मिला. पहले 1996 में 13 दिनों की अवधि के लिए. दूसरी बार 1998 से 1999 तक 13 महीने की अवधि के लिए. तीसरा और अंतिम कार्यकाल 1999 से 2004 तक रहा. यह पूर्णकालिक कार्यकाल था.
- प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में 1998 में भारत ने राजस्थान के पोखरण में एक सफल परमाणु परीक्षण किया था, जो ऑपरेशन शक्ति नाम से जाना जाता है.
- अटल बिहारी वाजपेयी अविवाहित थे. शादी नहीं करने के पीछे का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा था, 'मैं इतना व्यस्त हूं कि मैं शादी करना भूल गया.
- उनकी एक दत्तक पुत्री है, जिनका नाम नमिता भट्टाचार्य है.
- बताया जाता है कि जब वे 10वीं कक्षा में थे तो उन्होंने पहली कविता की रचना की.
- उन्होंने जगजीत सिंह के साथ अपनी कविताओं वाले 2 एल्बम भी जारी किए: नई दिशा (1999) और संवेदना (2002).
- वाजपेयी भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के करीबी अनुयायी थे.
- वाजपेयी कई भाषाओं के जानकार थे. उन्होंने वीर सावरकर की कई कविताओं का मराठी से हिंदी में अनुवाद भी किया था
- राजनीति में आने से पूर्व उन्होंने पत्रकारिता में एक छोटा सा काम किया था. दो मासिक पत्रिकाएं राष्ट्रधर्म और पाञ्चजन्य का वे संपादन कर चुके थे.
- अटल बिहारी वाजपेयी शाकाहारी नहीं थे. उन्हें नॉनवेज काफी पसंद था खासकर झींगा मछली खाना उन्हें खूब पसंद था.
- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एक बार अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह कहकर संबोधित किया था.
- वाजपेयी ने 2005 के अंत में राजनीति से संन्यास की घोषणा की.
- दिसंबर 2014 के अंत में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
- 2009 में स्ट्रोक के कारण वाजपेयी की आवाज और हाथ की गति खराब हो गई.
- कई सालों तक बीमार रहने के बाद एम्स नई दिल्ली 16 अगस्त 2018 को अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया.