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कैसे मनाएं डॉटर्स डे?...'राक्षस' ज़िंदा हैं..! हरियाणा में मासूम बेटियों के साथ हैवानियत की हदें पार, दुष्कर्म के बाद हत्या और हत्या के बाद भी क्रूरता - Daughters Day 2024

Daughters Day 2024: आज हम 21 वीं सदी के साल 2024 में डॉटर्स डे मना रहे हैं. क्या सही मायनों में हम इस दिन को मनाने के लायक अपने समाज को बना पाए हैं? अपनी बेटी को समाज में वो इज्जत दे पाए हैं. जिसकी वो असल में हकरदार हैं ? क्या बेटियां आज के नए-मॉर्डन युग में आसमान में उड़ान भर पा रही हैं? कहते हैं कि बेटियां अपने माता-पिता और परिजनों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती हैं. क्या वही स्थान उसका इस समाज में बन पाया है. आज के इस बेटी दिवस पर हमारी इस खास रिपोर्ट में आपको बताएंगे बेटी दिवस पर बेटियों के ऊपर हो रहे जुर्म की दास्तां और बताएंगे कि किस तरह से बेटियों के साथ बर्बरता की जा रही है. आज हम ये कैसा बेटी दिवस मना रहे हैं, जहां हमारी बेटियां सुरक्षित ही नहीं है.

Daughters Day 2024
Daughters Day 2024 (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 22, 2024, 5:37 PM IST

Updated : Sep 22, 2024, 6:00 PM IST

चंडीगढ़:आज के इस आधुनिक युग में एजुकेशन, विकास, तकनीक और भी कई क्षेत्रों में भरपूर बदलाव हुए हैं. लेकिन नहीं बदला तो बेटियों पर अत्याचार का सिलसिला. आज साल 2024 में जब देश में विकास की बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, बेटियों की सुरक्षा और सफलताओं के भी चर्चें होते हैं. लेकिन फिर भी बेटियों पर जुल्म की लाठियां बरसना कम नहीं हुआ.

बेटियों का शोषण कब तक?: कभी नौकरी के नाम पर तो कभी शिक्षा के मंदिर में और कभी अपने कार्यस्थल पर, बेटियों को हर जगह अपने आत्मसम्मान के लिए लड़ना पड़ता है और समाज में रहने वाले हैवान उनकी आबरू को नोच-नोच कर जिंदा ही खत्म करने में वक्त नहीं लगाते. हम बेटी दिवस तो मना रहे हैं. पर क्या घर पर आपकी बच्ची सुरक्षित है या फिर देश की बेटियों को वो इज्जत मिल पा रही है, जिसकी वो हकदार हैं. शायद इस सवाल का जवाब ना है. क्योंकि बेटियां तो मां की कोख में भी सुरक्षित नहीं है, तो इस समाज से शायद उम्मीद करना मुश्किल होगा. क्योंकि रोजाना दरिंदगी की ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं, जहां बेटियों की आबरू को तार-तार किया जाता है.

2 मासूम बेटियों की रेप के बाद हत्या: बेटियां बड़े-बड़े मुकाम हासिल करने में बेटों से कहीं पीछे नहीं है. लेकिन फिर भी बेटियों पर जुल्म होते जा रहे हैं. उदाहरण की शुरुआत हरियाणा से करते हैं. जहां यमुनानगर में महज 72 घंटे के भीतर दो मासूम बच्चियों के साथ हैवानियत की खबरें सामने आई है. दरअसल, यमुनानगर में दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों के अंतर्गत दो बेटियों को हैवानियत का निवाला बनाने वाले नशेड़ियों ने न सिर्फ दरिंदगी की वारदात को अंजाम दिया. बल्कि हैवानियत की सारी हदों को भी पार कर दिया. जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया.

दरिंदगी की हदें पार: थाना छछरौली क्षेत्र में 6 साल की बच्ची के साथ हुई दरिंदगी से सन्नाटा पसरा हुआ है. लेकिन बच्ची के घर से रह-रहकर रोने की आवाजें आ रही है. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर नवीन शर्मा, डॉ. गौरव धारी व डॉ. निशा गुराबा ने बताया कि रिपोर्ट में सामने आया है कि बच्ची के साथ हैवानियत की सारी हदों को पार किया गया है. बच्ची के प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था, साथ ही गहरे जख्म भी पाए गए हैं. दुष्कर्म की वजह से 6 साल की मासूम बच्ची बेहोश हो गई थी. जिसके बाद नशेड़ी आरोपी ने बच्ची का गला हाथ से दबाकर उसकी हत्या कर दी. शाम 4 बजे से बच्ची घर से गायब हुई और करीब 9 बजे गन्ने के खेत में मासूम का शव बरामद हुआ.

मासूम की आंख भी फोड़ डाली: वहीं, थाना बुढ़िया इलाके से एक सात साल की बच्ची गायब हो गई. इस बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बेहद डरावनी थी. इस मासूम की एक आंख भी फोड़ी गई थी. पोस्टमार्टम करते हुए बच्ची की वो आंख भी डॉक्टर को नहीं मिल पाई है. बच्ची के सिर पर पत्थर से हमला किया गया. दरिंदगी की हदे पार करने वाले हैवान को जब लगा कि बच्ची कहीं जिंदा न बच जाए, तो उसकी फ्रॉक से ही मासूम का गला दबा कर उसे मार डाला. मर्डर के बाद शव को मिट्टी में दफनाया गया. जिसके चलते शव को कीड़े खा गए. इन बातों की पुष्टि डॉक्टर के तीन पैनल द्वारा की गई है. बच्ची का पोस्टमार्टम डॉ. जिगनेश, डॉ.संध्या बिश्नोई और डॉ. अभिनव द्वारा किया गया. डॉक्टरों का कहना है कि अपने 15 साल के करियर में ऐसी हैवानियत नहीं देखी.

कब सुरक्षित होंगी बेटियां?: देशभर से ऐसे ही खबरों के न जाने कितने अखबारों के पन्ने भरे पड़े हैं, जो हर किसी के मन को कचोरते हैं. वहीं, हरियाणा के अंबाला से ही 8वीं क्लास की 4 छात्राओं के लापता होने का सनसनीखेज मामला भी सामने आया है. सभी बेटियों की तलाश में सीआईए वन और पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं. उधर, कोलकाता में नाइट ड्यूटी कर रही डॉक्टर बिटिया के साथ भी दरिंदगी की सारी हदें पार की गई. बस उस दिन से आज तक और आगे न जाने कब तक सिर्फ जांच ही चलती रहेगी. बस पीछे सवाल ही सवाल है कब तक डॉक्टर बिटिया को इंसाफ मिल पाएगा और मिलेगा भी या नहीं ये भी बड़ा सवाल है. न जाने कब वो दिन आएगा, जब हमारी बेटियां समाज में सुरक्षित महसूस करेंगी और गर्व से इस देश में चल पाएंगी.

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Last Updated : Sep 22, 2024, 6:00 PM IST

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