जोधपुर. शहर के लूणी थाना क्षेत्र में हाल ही में हुई एक बड़ी चोरी का पुलिस ने खुलासा किया है, जिसमें घर की बेटी हेमा की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है. पुलिस ने पहले उसके मंगेतर जितेंद्र और साथी अभिषेक को गिरफ्तार किया था, और उनसे पूछताछ के बाद हेमा को भी बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पुलिस ने 40 लाख का सोना और 1.68 लाख नगद बरामद किए हैं.
एडीसीपी निशांत भारद्वाज ने बताया कि 21 नवम्बर को लूणी थाना क्षेत्र के मोकलासनी गांव निवासी प्रधानराम खींचड़ ने जुलाई से नवंबर तक घर में चोरी करने की रिपोर्ट दी थी. जिसमें बताया कि वह अपने परिवार के साथ पूना रहता है. जबकि गांव ने उसके माता पिता और बहन रहते हैं. उसने अपने घर के आभूषण और नगदी के लिए एक 400 किलो वजनी तिजोरी घर में रखी है,जिसमें उसके और परिवार के आभूषण और नगदी रहते हैं. जिसकी चाबी उसकी मां के पास रहती है. 16 नवम्बर को उसकी बहन ने फोन कर बताया कि वो घर में काम कर रही थी. इस दौरान अभिषेक और जितेंद्र चुपचाप आए और चाबी निकाल तिजोरी खोल चोरी की है. जब वह वापस चाबी रख रहा था तब बहन ने उसे देख लिया. दोनों घर से भाग गए. इसके बाद प्रधानराम पूना से मोकलासनी आया. उसने तिजोरी खंगाली तो उसमें से करीब एक किलो सोने के आभूषण और साढ़े चार लाख नगदी गायब थे. जांच के दौरान पता चला कि हेमा उसके मंगेतर जितेंद्र और अभिषेक ने मिलकर चोरी की थी.
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थानाधिकारी हुकुम सिंह ने बताया कि इस मामले की पड़ताल करते हुए पाली जिला निवासी जितेंद्र और अभिषेक को पकड़ा गया. पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि उसकी सगाई प्रधान राम की बहन हेमा से हो रखी है. इसलिए उसका घर आना जाना था. दोनों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने जो सोना घर से चुराया था उसमें हेमा भी शामिल थी. सोना अलग-अलग प्राइवेट बैंकों में गोल्ड लोन के लिए गिरवी रख दिया, जिसमें से पुलिस ने 40 लाख का सोना बरामद कर लिया जबकि 30 तोला सोना अभी बरामद होना बाकी है.
खुद का घर बनाने के लिए चोरी के प्रेरित किया :दरअसल जब जितेंद्र की हेमा से सगाई हो गई तो उसका घर पर आना-जाना शुरू हो गया तो उसने एक बार तिजोरी में देख लिया की बड़ी मात्रा में सोना और नगदी पड़ा है. तो उसने हेमा से कहा कि थोड़ा-थोड़ा करके सोना निकाल लो जिससे हम शहर में अपना खुद का घर बना लेंगे. भावनात्मक रूप से उसने हेमा को इस काम के लिए राजी किया. जिसके बाद जितेंद्र अभिषेक को हेमा के पास भेजता और हेमा अपने घर से आभूषण और नगदी चुरा कर उसे दे देती. आरोपी जितेंद्र पाली में एक मेडिकल स्टोर पर काम करता है जबकि अभिषेक B.ed की पढ़ाई कर रहा है. पूछताछ से दोनों के घर से 168000 पुलिस ने बरामद कर लिए जबकि सोना उन्होंने डीसीबी बैंक, मण्णपुरम और बजाज फाइनेंस में गिरवी रख दिया. जितेंद्र ने पुलिस को बताया कि उन्होंने सोने को प्राइवेट बैंकों में गोल्ड लोन के लिए गिरवी रख दिया. पुलिस ने डीसीबी बैंक और बजाज फाइनेंस से सोना बरामद कर लिया, जबकि मण्णपुरम फाइनेंस कंपनी के द्वारा सोना देने से इंकार किया गया. जांच में यह भी सामने आया कि गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों के मैनेजर भी नौकरी छोड़कर भाग गए हैं, जिन्हें पुलिस तलाश रही है.