चंडीगढ़: किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान पर जहां स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी है. वहीं हरियाणा व पंजाब पुलिस प्रशासन द्वारा बॉर्डर क्षेत्रों में बैरिकेडिंग समेत विभिन्न प्रकार के सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं. चंडीगढ़ दिल्ली हाईवे को भी बंद किया गया है. लेकिन बीते दो दिन पहले पंजाब के जिला मोहाली के डेराबस्सी में प्रवेश मार्ग के पास चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे को बंद नहीं किया गया था.
वसूला जा रहा था एक्सट्रा टोल टैक्स:इससे वाहन चालक अनजाने में अपनी गाड़ियां हाईवे पर आगे बढ़ा रहे थे. लेकिन दप्पर टोल प्लाजा के कर्मचारी भी वाहन चालकों से पूरे रूट का टैक्स वसूल रहे थे. जबकि दप्पर टोल प्लाजा से करीब 12 किमी. आगे पंजाब के गांव झरमड़ी से पुलिस-प्रशासन द्वारा ट्रैफिक को गांवों की ओर से अंबाला की तरफ निकाला जा रहा था.
ईटीवी भारत का खुलासा: ईटीवी भारत द्वारा बीती 14 फरवरी को टोल प्लाजा के कर्मचारियों द्वारा वाहन चालकों से की जा रही अवैध वसूली का खुलासा किया गया था. इसके बाद स्थानीय पुलिस-प्रशासन हरकत में आया और अब डेराबस्सी के प्रवेश पॉइंट पर टोल प्लाजा से पहले चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे को बैरिकेडिंग कर पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. नतीजतन दिल्ली जाने वाले ट्रैफिक को अब डेराबस्सी से बरवाला मार्ग की और डायवर्ट किया जा रहा है, जबकि डेराबस्सी व आसपास के अन्य ट्रैफिक को शहर-गांवों से जोड़ने वाली सड़क से आगे जाने दिया जा रहा है.
टोल कर्मचारियों ने वाहन चालकों से वसूले पैसे: 14 फरवरी तक दप्पर टोल प्लाजा के कर्मचारी सभी वाहन चालकों से सिंगल और रिटर्न यात्रा के पैसे वसूलते रहे. लेकिन स्थानीय पुलिस-प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया था. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि चंडीगढ़ से डेराबस्सी पहुंचने पर चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर केवल दो-तीन बैरिकेड ही रखे गए थे, जबकि आधी सड़क को खुला छोड़ गया था. नतीजतन लोग अपनी गाड़ियों को हाईवे से आगे ले जाते रहे. लेकिन दप्पर टोल प्लाजा पहुंचने पर टोल कर्मियों ने वाहन चालकों से उनकी गाड़ियों को आगे ले जाने पर पूरा टैक्स वसूला. जबकि 12 किमी. आगे गांव झरमड़ी के पास से स्थानीय पुलिस-प्रशासन द्वारा ट्रैफिक को गांवों के रास्ते अंबाला डायवर्ट किया गया है.
टोल कर्मचारियों ने लोगों से छुपाई जानकारी: डेराबस्सी के स्थानीय पुलिस-प्रशासन की अधूरी तैयारी और दप्पर टोल प्लाजा के कर्मचारियों द्वारा रूट की सही जानकारी नहीं दिए जाने से लोग गुमराह होते रहे. टोल कर्मचारियों द्वारा टोल प्लाजा पर पहुंचने वाले वाहन चालकों को यह नहीं बताया गया कि वे पूरे रूट का टैक्स देने के बाद भी नेशनल हाईवे, दप्पर से आगे केवल 12 किमी. का रास्ता ही तय कर सकते हैं. यहां तक कि टोल कर्मचारी लोगों की गाड़ियों पर लगे फास्टैग से टोल टैक्स काटते रहे. नतीजतन लोग टोल टैक्स का पूरा भुगतान कर अपनी गाड़ियां आगे तो बढ़ाते रहे. लेकिन उन्हें अंबाला के लिए गांव झरमड़ी के पास से गांवों के रास्ते होकर निकलना पड़ा.
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